पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं को उनकी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर करने के गंभीर आरोप राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने लगाए हैं। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर आरोप है कि उसके कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को उनकी शिकायतें वापस लेने के लिए दबाव डाला।
टीएमसी ने गुरुवार को संदेशखाली की महिलाओं के कई वीडियो साझा किए थे, जिनमें दावा किया गया कि भाजपा की एक स्थानीय नेता ने कई महिलाओं से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे। इन वीडियो में महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें भाजपा कार्यकर्ता पियाली दास ने स्थानीय पुलिस थाने में व्यक्तिगत रूप से पेश होने और NCW की टीम के समक्ष अपनी आपबीती बताने को कहा था। NCW की टीम जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए संदेशखाली गई थी।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनका कभी भी यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का इरादा नहीं था, लेकिन बाद में यह पता चलने पर उन्हें हैरानी हुई कि दास द्वारा कथित तौर पर उन सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराए जाने के बाद उनके नाम पर ऐसी शिकायतें दर्ज की गईं।
NCW ने निर्वाचन आयोग से मामले पर प्राथमिकता के आधार पर गौर करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की धमकी के कारण महिलाएं अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर न हो। इस मामले में आगे की जांच जारी है।