NEET UG 2024 के नतीजों के बाद से देशभर में बवाल मचा हुआ है। महाराष्ट्र में भी मेडिकल स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता सड़कों पर उतर आए हैं। उनका आरोप है कि इस बार के NEET रिजल्ट में कई गड़बड़ियां हुई हैं और इससे महाराष्ट्र के बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। आइए, जानते हैं कि इस पूरे मामले में क्या-क्या हुआ है और सरकार क्या कह रही है।
नतीजों ने खोले पोल, गड़बड़ियों की झड़ी
NEET UG 2024 के नतीजे आते ही विवादों में घिर गए। इस बार रिकॉर्ड तोड़ संख्या में स्टूडेंट्स ने पूरे नंबर हासिल किए, जिससे कई लोगों को हैरानी हुई। इसके अलावा, बिना किसी पूर्व सूचना के ग्रेस मार्क्स देने का भी आरोप लगाया गया। छात्रों का कहना है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से ऑल इंडिया रैंकिंग में 50,000 से 60,000 तक का फर्क पड़ गया है, जिससे महाराष्ट्र के छात्रों को भारी नुकसान हुआ है।
क्या हैं स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की चिंताएं?
- अनियमितताएं: छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि इस बार के NEET रिजल्ट में कई अनियमितताएं हुई हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के ग्रेस मार्क्स देना और रिकॉर्ड तोड़ संख्या में फुल मार्क्स लाने वाले स्टूडेंट्स का होना इनमें से कुछ हैं।
- रैंकिंग में बड़ा अंतर: ग्रेस मार्क्स की वजह से कई छात्रों की ऑल इंडिया रैंकिंग में भारी गिरावट आई है। इससे उनका सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना मुश्किल हो सकता है।
- पेपर लीक और धांधली की आशंका: कुछ छात्रों और अभिभावकों को पेपर लीक और धांधली का भी शक है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
- महाराष्ट्र के छात्रों को नुकसान: छात्रों का आरोप है कि इन गड़बड़ियों की वजह से महाराष्ट्र के छात्रों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
सरकार का रुख
महाराष्ट्र के मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने छात्रों और अभिभावकों की चिंताओं को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से बात करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी छात्र को नुकसान न हो।
आगे क्या?
महाराष्ट्र के कुछ अभिभावक इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी #NEET2024JusticeForMaharashtraStudents जैसे हैशटैग के साथ कैंपेन चलाया जा रहा है।