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NEET परीक्षा 2024 में गड़बड़ी का खुलासा: गोधरा कनेक्शन और 2.30 करोड़ का खेल!

NEET परीक्षा 2024 में गड़बड़ी का खुलासा: गोधरा कनेक्शन और 2.30 करोड़ का खेल!

NEET परीक्षा 2024 में गड़बड़ी का खुलासा: दोस्तों, आज हम बात करेंगे एक ऐसे मामले की जो हमारे देश के भविष्य से जुड़ा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं NEET यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की, जो हमारे देश के डॉक्टर बनने के सपने देखने वाले लाखों छात्रों की उम्मीदों से जुड़ी है। लेकिन अफसोस की बात है कि इस परीक्षा में भी कुछ लोग गड़बड़ी करने से बाज नहीं आ रहे।

चलिए, शुरू करते हैं वहीं से जहां से यह कहानी शुरू हुई – गुजरात के गोधरा शहर से। हाल ही में पुलिस को कुछ ऐसी खबर मिली, जिसने सबको चौंका दिया। पता चला कि NEET परीक्षा में हेराफेरी करने के लिए यहां एक बड़ा रैकेट चल रहा था। इस रैकेट का मकसद था परीक्षा केंद्रों को अपने हिसाब से चुनना और फिर वहां मनमानी करना।

सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इस खेल में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। जी हां, आप सही सुन रहे हैं – 2.30 करोड़ रुपये! सोचिए, कितने छात्रों की मेहनत और उनके माता-पिता की कमाई इस धोखाधड़ी की भेंट चढ़ गई होगी।

पुलिस ने जब छापा मारा तो पता चला कि गोधरा के ‘जय जल राम स्कूल’ को खास तौर पर परीक्षा केंद्र बनाने की साजिश रची गई थी। और इसके लिए क्या किया गया? हर पैरेंट से 10-10 लाख रुपये की रिश्वत ली गई! सोचिए, अपने बच्चे के भविष्य के लिए माता-पिता ने इतने पैसे खर्च किए, लेकिन नीयत क्या थी? बस धोखा देने की!

इस मामले में एक नाम सामने आया है – रॉय ओवरसीज के मालिक परसुराम रॉय। कहा जा रहा है कि उन्होंने कई बच्चों को मेडिकल में एडमिशन दिलाने का वादा किया और उनसे मोटी रकम ली। लेकिन अब जब भांडा फूटा है, तो पता चला कि यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।

पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक है तुषार भट्ट, जिसे इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। उसकी जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है। बाकी आरोपी भी सलाखों के पीछे हैं।

लेकिन क्या सिर्फ इन्हीं लोगों की गिरफ्तारी से मामला सुलझ जाएगा? शायद नहीं! क्योंकि अभी भी कई सवाल अनसुलझे हैं। जैसे, क्या सिर्फ एक ही स्कूल में यह खेल हो रहा था? क्या इसमें कोई बड़ा नाम शामिल है? और सबसे बड़ा सवाल – क्या उन छात्रों का क्या होगा जिन्होंने अनजाने में इस धोखाधड़ी का हिस्सा बन गए?

पुलिस ने एक SIT यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। वे NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से भी जानकारी मांग रहे हैं। साथ ही, छात्रों और उनके पैरेंट्स के बयान लिए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की तह तक पहुंचा जाएगा।

लेकिन दोस्तों, इस घटना से एक बड़ा सबक मिलता है। हमें समझना होगा कि शॉर्टकट अपनाकर सफलता हासिल करने की कोशिश कभी सही नतीजे नहीं देती। NEET जैसी परीक्षा में ईमानदारी से मेहनत करना ही एकमात्र रास्ता है। क्योंकि आखिरकार, एक डॉक्टर के हाथों में लोगों की जिंदगी होती है।

आप क्या सोचते हैं इस पूरे मामले के बारे में? क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए? अपने विचार जरूर बताइए कमेंट्स में!

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