Jhansi Madrasa Teacher: उत्तर प्रदेश के झांसी में हाल ही में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यह मामला जुड़ा है एक मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद नदवी से, जिनके घर पर एनआईए (NIA) और एटीएस (ATS) की टीम ने छापा मारा। इस दौरान हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि पुलिस बल को भारी संख्या में मौके पर बुलाना पड़ा।
क्या है मामला और क्यों की गई छापेमारी?
मुफ्ती खालिद नदवी, जो झांसी के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहते हैं, पर आरोप है कि वह ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए विदेशी छात्रों को शिक्षा दे रहे थे, जो संदिग्ध फंडिंग गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है। इस संदर्भ में एनआईए छापेमारी मदरसा (NIA Raid Madrasa) का हिस्सा बनी।
एनआईए की जांच में सामने आया कि मुफ्ती पिछले 11 वर्षों से ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं, जिसमें छात्रों से 50 से 1500 रुपये तक की फीस ली जाती है। इन कक्षाओं में पढ़ाई के अलावा, विदेशी फंड के जरिए संदिग्ध गतिविधियों के संचालन का शक है। छापेमारी के दौरान टीम ने मुफ्ती के घर से कई अहम दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और बैंक ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड जब्त किए।
मस्जिद से ऐलान और बढ़ी भीड़
जब एनआईए ने मुफ्ती को हिरासत में लेने की कोशिश की, तो स्थानीय मस्जिद से लोगों को इकट्ठा होने का ऐलान किया गया। कुछ ही समय में, झांसी मदरसा टीचर (Jhansi Madrasa Teacher) के समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने एनआईए और एटीएस की टीम को घेर लिया और विरोध करने लगी। यह विरोध इतना बढ़ गया कि टीम को मुफ्ती को मस्जिद ले जाते समय कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
विदेश फंडिंग और आतंकवाद की कड़ी?
एनआईए का मानना है कि यह पूरा मामला विदेशी फंडिंग से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। इन फंड्स का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने में किया जा सकता है। जांच के तहत मुफ्ती के रिश्तेदार साबिर नदवी के घर पर भी छापेमारी हुई। इस दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए।
मुफ्ती की व्हाट्सएप चैट, पासपोर्ट, वीजा रिकॉर्ड, और बैंक ट्रांजैक्शन को खंगाला गया। एजेंसियां यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन फंड्स का उपयोग आतंकवादी नेटवर्क को सपोर्ट करने के लिए किया गया था।
तनावपूर्ण माहौल और पुलिस बल की तैनाती
छापेमारी के बाद झांसी के इलाके में सनसनी फैल गई है। स्थानीय लोगों ने जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। वहीं, एनआईए ने स्पष्ट किया है कि वह मामले की तह तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुफ्ती से अभी पूछताछ जारी है, और एजेंसियां हर उस कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं, जिससे विदेशी फंड भारत में लाकर इस्तेमाल किया जा रहा हो।
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