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नीति आयोग की SDG रिपोर्ट: किस राज्य ने मारी बाजी और कौन हुआ फेल? चौंकाने वाले नतीजों से उठे कई सवाल!

नीति आयोग , SDG रिपोर्ट

नीति आयोग ने अपनी ताजा SDG (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट ने देश के राज्यों की तस्वीर साफ कर दी है। कुछ राज्यों ने अपनी तरक्की से सबको चौंका दिया है, तो कुछ की हालत देखकर चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट की पूरी कहानी।

SDG रिपोर्ट क्या है? सबसे पहले समझते हैं कि ये SDG रिपोर्ट क्या होती है। SDG यानी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स। इस रिपोर्ट में देश के सभी राज्यों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण से जुड़ी स्थिति की जांच की जाती है। नीति आयोग ने यह रिपोर्ट चौथी बार जारी की है। पहली बार ये रिपोर्ट 2018 में आई थी।

इस रिपोर्ट का मकसद है हर राज्य को आईना दिखाना। इससे पता चलता है कि कौन सा राज्य विकास की दौड़ में आगे है और किसे अभी बहुत मेहनत करनी है। यह रिपोर्ट राज्यों को अपनी कमजोरियों को समझने और उन्हें दूर करने का मौका देती है।

अब आते हैं सबसे दिलचस्प हिस्से पर। इस रिपोर्ट में किस राज्य ने बाजी मारी और कौन पिछड़ गया? शानदार प्रदर्शन करने वालों में उत्तराखंड ने सबको चौंका दिया है। वो इस रिपोर्ट में सबसे ऊपर है। उसके बाद केरल, तमिलनाडु, गोवा और हिमाचल प्रदेश का नंबर आता है। इन राज्यों ने अपने विकास से सबको प्रभावित किया है।

दूसरी तरफ, कमजोर प्रदर्शन करने वालों में बिहार की हालत सबसे खराब है। वो सबसे नीचे है। उसके ऊपर झारखंड, नागालैंड, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश हैं। इन राज्यों को अभी बहुत मेहनत करनी है।

नीति आयोग के मुखिया बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने एक अच्छी खबर भी दी है। उन्होंने बताया कि पिछले दस साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यानी देश धीरे-धीरे और खुशहाल हो रहा है।

हालांकि, सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि कुछ समस्याएं अभी भी हैं। जैसे कुपोषण, बच्चों का कद छोटा रहना, और शरीर का वजन कम होना। इन चीजों पर अभी काम करने की जरूरत है।

इस रिपोर्ट से कई बातें साफ होती हैं। कुछ राज्य बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। कुछ राज्यों को अभी बहुत मेहनत करनी है। देश में गरीबी कम हो रही है, लेकिन अभी भी बहुत काम बाकी है। स्वास्थ्य और पोषण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

इस रिपोर्ट के बाद कई सवाल मन में आते हैं। क्या उत्तराखंड जैसे राज्य अपनी इस अच्छी स्थिति को बनाए रख पाएंगे? बिहार जैसे राज्य कब तक पिछड़े रहेंगे? उनकी मदद के लिए क्या किया जा सकता है? क्या केंद्र सरकार पिछड़े राज्यों के लिए कोई खास योजना लाएगी? क्या अगली रिपोर्ट में हम और अच्छे नतीजे देख पाएंगे?

नीति आयोग की यह रिपोर्ट एक तरह से देश का रिपोर्ट कार्ड है। इससे पता चलता है कि हम कहां खड़े हैं और कहां जाना है। यह रिपोर्ट हमें बताती है कि हमने कुछ मोर्चों पर अच्छा काम किया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पिछड़े राज्य अपनी स्थिति सुधार पाते हैं और क्या आगे बढ़े राज्य अपनी गति बनाए रख पाते हैं।

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