ओडिशा के नए मुखिया: आज हम ओडिशा की एक अहम राजनीतिक घटना पर चर्चा करेंगे जिसने पूरे राज्य में एक नया सियासी समीकरण तैयार कर दिया है। बीजेपी ने अपने नए मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन मांझी को चुना है।
पिछले कुछ समय से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी किसे ओडिशा का नया मुखिया बनाएगी। कई दिग्गज नेताओं के नाम इस रेस में आगे चल रहे थे, लेकिन आखिरकार बीजेपी की टॉप लीडरशिप ने एक बार फिर अप्रत्याशित फैसला लिया।
बीजेपी ने अपनी पारंपरिक शैली को कायम रखते हुए अपने केंद्रीय नेताओं से दूर एक नए चेहरे को अवसर दिया है। मोहन मांझी चार बार के विधायक हैं और अपनी सांगठनिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
उनकी बड़ी खासियत ये है कि वो ओडिशा में मजबूत आदिवासी आवाज हैं। शायद यही वजह है कि बीजेपी की टॉप लीडरशिप ने आदिवासी समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुना।
हालांकि, मोहन मांझी के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। वो ओडिशा में शक्तिशाली और लोकप्रिय बीजू जनता दल और नवीन पटनायक के विरासत को चुनौती देंगे। उन्हें राज्य में बीजेपी को मजबूत जमीन देनी होगी।
बीजेपी ने ओडिशा में भी अपना दिल्ली, यूपी जैसा फॉर्मूला अपनाया है। मुख्यमंत्री के अलावा, उसने दो उप-मुख्यमंत्री भी नियुक्त किए हैं – केवी सिंह देव और प्रवती पारिदा।
इस प्रकार, बीजेपी ने ओडिशा में एक नए दौर की शुरुआत की है। क्या मोहन मांझी वहां लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और बीजेपी को मजबूती देंगे, यही देखना होगा। राजनीतिक उठापटक का ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। लेकिन अभी के लिए, इतना ही!
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