Online Gaming Bill 2025: भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 21 अगस्त 2025 को संसद ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास कर दिया। लोकसभा में 20 अगस्त को और राज्यसभा में 21 अगस्त को ये बिल मंजूर हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस पर अपनी सहमति दे दी है। इस बिल का मकसद रियल मनी गेमिंग को पूरी तरह बंद करना और ई-स्पोर्ट्स व सामाजिक गेम्स को बढ़ावा देना है।
रियल मनी गेमिंग यानी ऐसे गेम जहां लोग पैसे लगाकर नकद पुरस्कार जीतने की उम्मीद रखते हैं, जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स, रमी और पोकर। सरकार का कहना है कि ये गेम नशे की लत, पैसे का नुकसान और यहां तक कि आत्महत्याओं का कारण बन रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर साल करीब 45 करोड़ लोग इन गेम्स में फंसकर 20,000 करोड़ रुपये गंवा रहे हैं। कर्नाटक में 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं इन गेम्स से जुड़ी थीं। इसके अलावा, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे अपराधों में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है।
इस बिल के तहत मनी गेमिंग चलाने, उसका प्रचार करने या उससे जुड़े लेन-देन करने वालों को सख्त सजा मिलेगी। नियम तोड़ने वालों को 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। बार-बार नियम तोड़ने पर सजा 5 साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक के जुर्माने तक बढ़ सकती है। विज्ञापन करने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, खिलाड़ियों को सजा नहीं होगी, उन्हें पीड़ित माना जाएगा।
इस बिल का असर बड़ी गेमिंग कंपनियों पर पड़ा है। ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग, जूपी और पोकरबाजी जैसी कंपनियों ने अपने मनी गेम्स बंद कर दिए हैं। ड्रीम11 ने अपने पे-टू-प्ले फैंटेसी गेम्स रोक दिए, जबकि जूपी ने लूडो सुप्रीम जैसे मुफ्त गेम्स को जारी रखने की बात कही। ये कंपनियां अब ई-स्पोर्ट्स और मुफ्त गेम्स पर ध्यान दे रही हैं।
भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार अभी 32,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 86% हिस्सा मनी गेमिंग से आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2029 तक ये बाजार 80,000 करोड़ तक पहुंच सकता था, लेकिन इस बैन से 15,000-20,000 करोड़ की कमाई और 2 लाख से ज्यादा नौकरियां खतरे में हैं। फिर भी, सरकार का मानना है कि ये कदम लोगों को नुकसान से बचाने के लिए जरूरी है।
इस बिल में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की बात भी है। सरकार ई-स्पोर्ट्स के लिए ट्रेनिंग अकादमी, इवेंट गाइडलाइंस और प्रोत्साहन प्रोग्राम शुरू करेगी। ई-स्पोर्ट्स को राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम 2025 के तहत मान्यता मिलेगी, जो इसे एक वैध खेल का दर्जा देगा।
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