Dahi Handi: मुंबई और ठाणे में दही हांडी का त्योहार सिर्फ़ जन्माष्टमी का उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह एक बड़ा सियासी मंच बन गया है। इस बार 2025 में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दही हांडी के आयोजनों में जमकर हिस्सा लिया। फडणवीस ने 14 दही हांडी आयोजनों में शिरकत की, जबकि शिंदे ने 20 आयोजनों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। खास बात यह रही कि फडणवीस ने ठाणे और आसपास के सात आयोजनों में हिस्सा लिया, जो शिंदे का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। इससे साफ़ झलकता है कि बीजेपी, शिवसेना के साथ गठबंधन के बावजूद, ठाणे में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है।
वर्ली में बीजेपी नेता संतोष पांडे द्वारा आयोजित परिवर्तन दही हांडी में फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि बीजेपी-शिंदे गठबंधन ने बीएमसी में भ्रष्टाचार की हांडी फोड़ दी है और अब विकास की हांडी तोड़ने का वक्त है। यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि बीएमसी और अन्य नागरिक निकायों के चुनाव नजदीक हैं। फडणवीस ने मुंबई बीजेपी अध्यक्ष और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार के साथ मिलकर यह संदेश दिया कि सत्तारूढ़ गठबंधन देश की सबसे अमीर नगर निगम पर कब्जा करने को तैयार है।
दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे ने भी मुंबई, ठाणे और मीरा-भायंदर के कई दही हांडी आयोजनों में शिरकत की। ठाणे के टेंभी नाका मित्र मंडल में फडणवीस ने शिंदे की तारीफ़ करते हुए उन्हें बालासाहेब ठाकरे का सच्चा शिवसैनिक और आनंद दिघे का उत्तराधिकारी बताया। लेकिन इस तारीफ़ के पीछे सियासी मंशा साफ़ दिखी। बीजेपी और शिंदे की शिवसेना दोनों ही मुंबई और ठाणे में युवा मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं।
2022 में शिंदे-फडणवीस सरकार के सत्ता में आने के बाद से दही हांडी को नया रंग मिला है। सरकार ने इसे साहसिक खेल का दर्जा दिया और एक लाख गोविंदाओं के लिए बीमा कवर की व्यवस्था की। इस साल भी इस बीमा को सरकार की ओर से गोविंदाओं और मतदाताओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के सबूत के तौर पर पेश किया जा रहा है। गोविंदाओं के जोश और हांडी तोड़ने की कोशिशों के बीच, सियासी नेता भी अपनी-अपनी हांडी तोड़ने की जुगत में लगे हैं।
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