गाजा में इस्राइल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष अब और भी भयावह रूप ले चुका है। संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट ने दुनिया का ध्यान इस मानवीय त्रासदी की ओर खींचा है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि गाजा में हर दिन औसतन 28 बच्चे अपनी जान गंवा रहे हैं। ये बच्चे बमबारी, भूख, बीमारी और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मौत के मुंह में जा रहे हैं। आइए, इस संकट की पूरी तस्वीर को समझते हैं।
गाजा में बच्चों का दर्द: भूख, बीमारी और असुरक्षा
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गाजा के बच्चे इस समय सबसे ज्यादा संकट में हैं। उन्हें खाना, साफ पानी, दवाइयां और सुरक्षित आश्रय की सख्त जरूरत है। यूनीसेफ ने जोर देकर कहा है कि इस युद्ध को तुरंत रोकना जरूरी है, वरना गाजा के बच्चे एक “खोई हुई पीढ़ी” बन जाएंगे। मनोवैज्ञानिक तनाव और शारीरिक पीड़ा ने इन बच्चों को असहाय बना दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में भोजन और सहायता की भारी कमी है। गौरतलब है कि, इस्राइल ने 2 मार्च से गाजा के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं, जिसके कारण केवल 86 ट्रक मानवीय सहायता रोजाना पहुंच पा रही है, जबकि जरूरत कम से कम 600 ट्रकों की है। इस कमी ने गाजा में भूखमरी का भयानक मंजर पैदा कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र और मानवतावादी संगठनों की मांग
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों और 150 से ज्यादा मानवतावादी संगठनों ने एकजुट होकर युद्ध को तुरंत बंद करने और गाजा में जरूरी सहायता पहुंचाने की अपील की है। उनका कहना है कि बच्चों को न केवल भोजन और दवाइयों की जरूरत है, बल्कि उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता भी चाहिए ताकि वे इस युद्ध के दर्दनाक अनुभवों से उबर सकें।
इस्राइल के हमले और गाजा का दुख
इन सबके बीच, बुधवार को इस्राइल ने गाजा पर एक और भीषण हमला किया, जिसमें 83 लोग मारे गए। इनमें से 58 लोग वे थे, जो मानवीय सहायता लेने जा रहे थे। गाजा के नागरिक रक्षा विभाग ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों से ईंधन और उपकरणों की आपूर्ति की गुहार लगाई है ताकि घायल लोगों को बचाया जा सके।
इस्राइली सेना का दावा
दूसरी ओर, इस्राइली सेना का कहना है कि छह देशों ने मिलकर गाजा में 110 और सहायता पैकेट एयरड्रॉप किए हैं। 27 जुलाई से अब तक कुल 785 पैकेट हवाई मार्ग से भेजे जा चुके हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ युद्ध की रणनीतियों पर चर्चा की है, जिसमें गाजा पर पूरा कब्जा करने का विकल्प भी शामिल है।
कैसे शुरू हुआ ये संघर्ष?
ये पूरा संकट 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जब हमास ने दक्षिणी इस्राइल पर हमला किया था। तब से गाजा में हालात बद से बदतर होते गए। आंकड़ों के मुताबिक, इस संघर्ष में अब तक 18,000 से ज्यादा बच्चे मारे जा चुके हैं, यानी हर घंटे औसतन एक बच्चा अपनी जान गंवा रहा है। कुल मिलाकर, गाजा में 60,933 से अधिक लोग मारे गए हैं और 1,50,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
दुनिया की चुप्पी और गाजा का भविष्य
गाजा में बढ़ता ये संकट न केवल एक क्षेत्रीय समस्या है, बल्कि ये पूरी दुनिया के लिए एक मानवीय चुनौती बन चुका है। संयुक्त राष्ट्र और मानवतावादी संगठनों की अपील के बावजूद, युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। सवाल ये है कि क्या दुनिया इस त्रासदी को रोकने के लिए कुछ कर पाएगी, या गाजा के बच्चे और नागरिक इस तरह असहाय ही रह जाएंगे?