मुंबई की लगातार हो रही बारिश ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं एक राहत की खबर भी सामने आई है। शहर को पानी सप्लाई करने वाली विहार झील अब ओवरफ्लो हो गई है। बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार दोपहर तक विहार झील में 2,769.8 करोड़ लीटर पानी जमा हो गया था। इसके साथ ही मुंबई की 7 में से 6 झीलें पूरी तरह भर चुकी हैं।
साल भर के पानी की चिंता लगभग खत्म
बीएमसी ने बताया कि अब तक सभी झीलों का जलस्तर 91.18% तक पहुंच गया है। पिछले साल विहार झील 25 जुलाई 2024 को भरी थी, जबकि इस साल ये झील अगस्त में ओवरफ्लो हुई।
मुंबई को पानी सप्लाई करने वाली 7 झीलों में कुल 1,44,736.3 करोड़ लीटर पानी की क्षमता है। 18 अगस्त की सुबह तक झीलों में 1,31,964 करोड़ लीटर पानी भर चुका है। यानी इस बार बारिश ने मुंबई की पानी की टंकी को लगभग पूरा भर दिया है।
मीठी नदी का जलस्तर बढ़ा
झील भरने के बाद पानी छोड़े जाने से मीठी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। इसके चलते कुर्ला, बांद्रा और वाकोला के इलाकों में जलभराव का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
मुंबई की झीलों का हाल
बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, इस बार झीलों का जलस्तर पिछले साल से कहीं बेहतर है।
पिछले साल (2024) झीलों में 83.45% पानी भरा था।
इस साल (2025) झीलों में पानी का स्तर 93.20% तक पहुंच चुका है।
झीलों का जलस्तर इस प्रकार रहा:
तुलसी झील: पूरी तरह भर चुकी
तानसा झील: 98.45%
मध्य वैतरणा झील: 97.17%
विहार झील: 89.92% (अब ओवरफ्लो)
भतासा झील: 89.23%
मोदक सागर: 87.28%
अपर वैतरणा: 86.48%
क्या है राहत की बड़ी खबर?
बारिश ने भले ही सड़कों और लोकल ट्रेनों की रफ्तार को रोक दिया हो, लेकिन शहर के लिए पानी की चिंता लगभग खत्म हो गई है। अब अगले साल तक मुंबई को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कुल मिलाकर, मुंबई की झीलें अब पूरी तरह भर चुकी हैं और बारिश ने शहर को पानी की सप्लाई को लेकर बड़ी राहत दी है। हालांकि, मीठी नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निचले इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
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