Global Peace Index 2025: दुनिया भर में शांति और सुरक्षा का मूल्यांकन करने वाले ग्लोबल पीस इंडेक्स (Global Peace Index – GPI) 2025 की रिपोर्ट जारी हो चुकी है। इस बार भी आइसलैंड ने बाज़ी मारते हुए दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बनने का खिताब अपने नाम किया है। बता दें कि ये सिलसिला नया नहीं है, क्योंकि आइसलैंड 2008 से लगातार इस सूची में पहले स्थान पर बना हुआ है।
भारत की स्थिति
भारत ने इस बार टॉप-100 देशों में जगह नहीं बनाई है। 163 देशों और क्षेत्रों को शामिल करने वाली इस सूची में भारत को 115वां स्थान दिया गया है। हालांकि भारत के लिए राहत की बात ये है कि पिछले साल की तुलना में शांति स्तर में थोड़ा सुधार दर्ज हुआ है। जिसके तहत भारत का जीपीआई स्कोर 2.229 रहा। तो वहीं शांति स्तर में 0.58% की बढ़ोतरी हुई है। ये इशारा करता है कि भारत में आंतरिक स्थिति पहले से कुछ बेहतर हुई है।
कैसे तय होती है रैंकिंग?
ये इंडेक्स तीन प्रमुख मानकों पर देशों का आकलन करता है, जिनमें पहला है सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता। दूसरा है घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय विवाद और तीसरा सैन्यीकरण का स्तर।
आइसलैंड ने 2025 में इन तीनों ही क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान बनाए रखा। यहां अपराध दर बेहद कम है, समाज में आपसी विश्वास मजबूत है और सेना का न होना इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
शीर्ष 10 शांतिपूर्ण देश
आइसलैंड के बाद जिन देशों को शीर्ष-10 में शामिल किया गया है, वे हैं आयरलैंड, न्यूजीलैंड, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, पुर्तगाल, डेनमार्क और स्लोवेनिया। दिलचस्प बात ये है कि यूरोप के देश अब भी इस लिस्ट में सबसे ज्यादा हावी हैं।
सबसे असुरक्षित देश
दूसरी ओर, अफ्रीका और मध्य-पूर्व के कई देश अभी भी हिंसा और संघर्ष से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रूस, यूक्रेन, सूडान, कांगो और यमन सबसे नीचे के देशों में शामिल हैं। जबकि दक्षिण अफ्रीका में भी शांति का स्तर गिरा है। तो वहीं बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों को नागरिक अशांति और राजनीतिक दमन के चलते रैंकिंग में नुकसान हुआ है।
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) का कहना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से संघर्षों की संख्या अब अपने उच्चतम स्तर पर है। केवल इसी साल तीन नए बड़े संघर्ष शुरू हुए हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि शीर्ष पर रहने वाले शांतिपूर्ण देश अपनी स्थिरता बनाए रखने में कामयाब रहे हैं।
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025 ये साफ दिखाता है कि जहां कुछ देश स्थिरता और सामाजिक विश्वास के सहारे दुनिया को मिसाल दे रहे हैं, वहीं कई देश युद्ध और अस्थिरता के साए में फंसे हुए हैं। भारत का स्थान भले ही शीर्ष 100 में नहीं आया हो, लेकिन उसका धीरे-धीरे शांति की ओर बढ़ना भविष्य के लिए उम्मीद जगाता है।
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