महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। मराठा आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे पाटिल ने 29 अगस्त 2025 से मुंबई में बड़े आंदोलन की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को मराठा समुदाय अंतरवाली सराटी गांव से मुंबई की ओर लंबा मार्च शुरू करेगा। जरांगे ने सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ी चेतावनी दी है।
मराठा आरक्षण की मांग फिर गरमा
पिछले साल मराठा आरक्षण को लेकर हुए जोरदार आंदोलन के बाद सरकार ने आश्वासन दिए थे, लेकिन मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग में आरक्षण अब तक नहीं मिला। अध्यादेश और उसके अमल का इंतजार बरकरार है। जरांगे ने कहा कि सरकार ने उनके साथ किए वादों को पूरा नहीं किया, जिसके चलते समुदाय अब सड़कों पर उतरने को मजबूर है।
मुख्यमंत्री और पीएम को चेतावन
मीडिया से बातचीत में मनोज जरांगे ने तल्ख अंदाज में कहा, “29 अगस्त को होने वाले विरोध प्रदर्शन में अगर कोई गलती हुई, तो मुख्यमंत्री फडणवीस और प्रधानमंत्री मोदी को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।” उन्होंने पिछले आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे सिर पहले फूट चुके हैं। अगर अब हमारी मां-बहनों को चोट पहुंची, तो कोई माफी नहीं होगी।”
जरांगे ने सरकार को चेताते हुए कहा कि मराठा समुदाय अब और सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “जब यातायात की बात आती है, तो मेरा दिल दुखता है। हमें हमारे ही घर की ईंटों से कुचला गया, गोलियां खत्म होने पर बंदूकें उलटाकर हम पर हमला किया गया। अगर अब हमें रोका गया, तो महाराष्ट्र का कोई रास्ता खुला नहीं रहेगा।”
‘मराठा बार-बार पिटने के लिए आजाद नहीं’
जरांगे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर माताओं, बहनों और बच्चों पर हाथ उठा, तो मराठा किसी भी हद तक जा सकते हैं। हम बार-बार पिटने के लिए आजाद नहीं हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अब गलतियों की कोई माफी नहीं होगी और मराठा समुदाय हल्के में नहीं पिटेगा।
मुंबई मार्च की तैयारियां
मुंबई में होने वाले इस लंबे मार्च की पृष्ठभूमि में जरांगे वर्तमान में धाराशिव के दौरे पर हैं। उन्होंने मराठा समुदाय से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। ये आंदोलन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले हुए आंदोलनों की याद दिलाता है, जब सरकार के साथ बातचीत और समझौते के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
सियासी माहौल में नया मोड़
मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत में फिर से हलचल मचा सकता है। जरांगे के इस आंदोलन से राज्य सरकार पर दबाव बढ़ेगा। क्या ये मार्च मराठा समुदाय की मांगों को पूरा करा पाएगा? ये देखना दिलचस्प होगा।
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