Uddhav-Raj Thackeray Ganeshotsav Reunion: मुंबई में गणेशोत्सव के मौके पर ठाकरे परिवार ने 22 साल बाद एकजुट होकर त्योहार मनाया। उद्धव ठाकरे अपने परिवार के साथ चचेरे भाई राज ठाकरे के घर शिवतीर्थ पहुंचे, जहां दोनों ने बाप्पा के दर्शन किए और साथ भोजन किया। यह मुलाकात सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि सियासी नजरिए से भी अहम है, क्योंकि इससे शिवसेना और मनसे के गठजोड़ की अटकलें तेज हो गई हैं। आइए जानते हैं इस खास मुलाकात की पूरी कहानी।
27 अगस्त 2025 को मुंबई के शिवतीर्थ में एक खास नजारा देखने को मिला। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने परिवार के साथ चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के घर पहुंचे। गणेशोत्सव के पहले दिन उद्धव, उनकी पत्नी रश्मि, बेटे आदित्य और तेजस ने राज के परिवार के साथ मिलकर गणपति बाप्पा के दर्शन किए। इस दौरान दोनों परिवारों ने करीब दो घंटे साथ बिताए और भोजन भी साझा किया।
यह मुलाकात इसलिए खास थी, क्योंकि 22 साल पहले 2005 में राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर मनसे बनाई थी। तब से दोनों भाइयों के बीच दूरी बनी हुई थी। लेकिन हाल के महीनों में उनकी नजदीकियां बढ़ी हैं। इससे पहले 27 जुलाई 2025 को राज, उद्धव के जन्मदिन पर उनके घर मातोश्री गए थे। यह 13 साल बाद उनकी मातोश्री की पहली यात्रा थी। उस दौरान दोनों ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की तस्वीर के सामने तस्वीरें खिंचवाई थीं।
गणेशोत्सव की इस मुलाकात में माहौल बेहद गर्मजोशी भरा था। उद्धव की पत्नी रश्मि ने राज ठाकरे की मौसेरी सास के चरण छुए, जिसे देखकर सभी भावुक हो गए। दोनों भाइयों ने करीब 10 मिनट तक अलग से बातचीत भी की। इस बातचीत का ब्योरा सामने नहीं आया, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुलाकात सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि सियासी तौर पर भी अहम है।
इससे पहले जुलाई 2025 में उद्धव और राज एक मराठी विजय मेले में साथ नजर आए थे। उस वक्त दोनों ने महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य करने के सरकारी फैसले का विरोध किया था, जिसके बाद सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा। उस रैली में उद्धव ने कहा था, “हम साथ आए हैं और साथ रहेंगे।” राज ने भी कहा था कि महाराष्ट्र के लिए दोनों भाई एकजुट हैं।
गणेशोत्सव की इस मुलाकात ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। 2026 में होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के गठजोड़ की बात जोर पकड़ रही है। शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का एक साथ आना मराठी वोटों को एकजुट कर सकता है। दोनों भाइयों की तस्वीरें, खासकर उनके दादा केशव और पिता श्रीकांत और बाल ठाकरे के चित्र के सामने खींची गई तस्वीर, ने यह संदेश दिया कि ठाकरे परिवार अब एकजुट है।
इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इन तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि उद्धव ने राज के घर गणपति दर्शन किए। इस मुलाकात ने न सिर्फ परिवार को करीब लाया, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत में भी नई चर्चा छेड़ दी है।
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