ओपनएआई का दावा: ओपनएआई ने हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया है कि एक इजराइली कंपनी ने भारतीय लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल की एक फर्म STOIC ने एआई मॉडल्स का उपयोग करके सार्वजनिक राय को प्रभावित करने के लिए गुप्त अभियान चलाया था।
इस अभियान का नाम ‘जीरो जेनो’ रखा गया था और इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में जनमत को प्रभावित करना था।
इस अभियान में वेब आर्टिकल्स और सोशल मीडिया कमेंट्स को एआई के जरिए उत्पन्न किया गया था, जिसे फिर इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किया गया।
इस अभियान की सामग्री में भारतीय चुनावों पर केंद्रित टिप्पणियां शामिल थीं, जिसमें भाजपा की आलोचना और कांग्रेस की प्रशंसा की गई थी।
प्रभाव और प्रतिक्रिया:
ओपनएआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान को मई में चिन्हित किया गया और इसे बाधित कर दिया गया।
भारतीय चुनावों पर इस अभियान का असर सीमित रहा, क्योंकि इसे असली दर्शकों से ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘खतरनाक धमकी’ बताया और इसे गहराई से जांचने और उजागर करने की बात कही।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि एआई और सोशल मीडिया का उपयोग करके चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिशें हो रही हैं। इस प्रकार के हस्तक्षेप न केवल लोकतंत्र के लिए खतरा हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि तकनीकी प्रगति के साथ-साथ इसके दुरुपयोग की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। इसलिए, इस तरह की गतिविधियों की पहचान और रोकथाम के लिए सतर्कता और सख्त उपायों की आवश्यकता है।