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NCERT की किताबों में बदला बाबरी मस्जिद का नाम तो भड़क गए ओवैसी, सोशल मीडिया पर निकाली दिल की भड़ास

ओवैसी
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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने 11वीं और 12वीं क्लास के पॉलिटिकल साइंस की किताब में कई बड़ा बदलाव किए हैं, जिसमें से एक है बाबरी मस्जिद का नाम भी। किताब से बाबरी मस्जिद शब्द को हटाकर वहां पर ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसी वजह से अब AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एनसीईआरटी सहित मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है।

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, “NCERT ने बाबरी मस्जिद की जगह ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ लिखने का फैसला किया है। इसने अयोध्या के फैसले को ‘सर्वसम्मति’ का उदाहरण बताने का भी फैसला किया है।” अपने इसी पोस्ट में ओवैसी ने आगे लिखा कि, “भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को ‘घोर आपराधिक कृत्य’ कहा है।”

यही नहीं असदुद्दीन ओवैसी ने ये भी कहा कि भारत के बच्चों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि साल 1949 में एक चालू मस्जिद को अपवित्र किया गया और फिर उसके बाद साल 1992 में भीड़ के द्वारा उसे नष्ट कर दिया गया। ऐसे में NCERT को आपराधिक कृत्यों का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए।

क्या है पूरा  मामला?
दरअसल NCERT की जो पुरानी किताब है उसमें बाबरी मस्जिद को 16वीं सदी की मस्जिद के तौर पर बताया गया है, जिसे मुगल शासक बाबर के जनरल मीर बाकी के द्वारा बनवाया गया था। लेकिन अब, उस चैप्टर में इसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के तौर पर दिखाया गया है, जिसे भगवान श्री राम के जन्मस्थान पर साल 1528 में बनवाया गया था। हालांकि इस संचरना के अंदर और बाहर के हिस्सों पर हिंदू प्रतीकों के अवशेषों का प्रदर्शन साफतौर पर दिखता है।

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