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Padma Awards: पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री…कहां बनाए जाते हैं ये सारे अवॉर्ड, सरकार किसको देती है इतना बड़ा ऑर्डर?

Padma Awards: पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री...कहां बनाए जाते हैं ये सारे अवॉर्ड, सरकार किसको देती है इतना बड़ा ऑर्डर?

Padma Awards Manufacturing Process: गणतंत्र दिवस का मौका भारत के लिए हमेशा खास होता है। इस दिन सिर्फ हमारी सैन्य ताकत का प्रदर्शन नहीं होता, बल्कि देश के उन महान लोगों को भी सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। इनमें सबसे प्रमुख सम्मान पद्म पुरस्कार (Padma Awards) होते हैं। इस साल, 2025 में, भारत सरकार ने 139 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने की घोषणा की है।

क्या आपने कभी सोचा है कि ये पुरस्कार बनते कहां हैं? और इन्हें बनाने की प्रक्रिया कैसी होती है? चलिए, इस सवाल का जवाब आज सरल भाषा में समझते हैं।


Padma Awards: पद्म पुरस्कार क्या हैं?

पद्म पुरस्कार भारत के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मानों में से एक हैं। ये तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं:

  1. पद्म विभूषण: यह देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, जो असाधारण और अतुलनीय योगदान के लिए दिया जाता है।
  2. पद्म भूषण: यह पुरस्कार उच्च सेवा और उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है।
  3. पद्मश्री: यह उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने समाज के किसी भी क्षेत्र में शानदार योगदान दिया हो।

इन पुरस्कारों की शुरुआत 1954 में हुई थी। तब सिर्फ “पद्म विभूषण” नाम का एक ही सम्मान दिया जाता था, जिसे तीन श्रेणियों में बांटा गया था। बाद में, 1955 में, इसे बदलकर तीन अलग-अलग नाम—पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री—दिए गए।


कहां बनते हैं पद्म पुरस्कार?

आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि इन अवॉर्ड्स को बनाने का काम कौन करता है। दरअसल, ये प्रतिष्ठित पुरस्कार कोलकाता टकसाल (Kolkata Mint) में बनाए जाते हैं।

कोलकाता टकसाल की स्थापना 1757 में हुई थी। यह भारत में सिक्के बनाने की सबसे पुरानी और प्रमुख जगहों में से एक है। यहां न केवल पद्म पुरस्कार बनाए जाते हैं, बल्कि 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्के भी तैयार किए जाते हैं। यहां तक कि भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न भी यहीं बनता है।


कैसे बनते हैं ये अवॉर्ड?

पद्म अवॉर्ड निर्माण प्रक्रिया (Padma Award Manufacturing Process) बहुत खास होती है। ये पुरस्कार तीन मुख्य धातुओं से बनाए जाते हैं: कांस्य, सोना और स्टेनलेस स्टील।

  • पद्म विभूषण: यह कांस्य का बना होता है, लेकिन इसके उभार प्लैटिनम के होते हैं।
  • पद्म भूषण: यह भी कांस्य का होता है, लेकिन इसके उभार सोने से बने होते हैं।
  • पद्मश्री: यह कांस्य का होता है, लेकिन इसमें स्टेनलेस स्टील का उभार होता है।

हर पुरस्कार को बहुत बारीकी से तैयार किया जाता है, ताकि यह दिखने में सुंदर और आकर्षक हो। पुरस्कारों को तैयार करने के लिए आधुनिक तकनीक और कारीगरों की विशेषज्ञता का उपयोग किया जाता है।


पद्म पुरस्कार का महत्व

पद्म पुरस्कार केवल एक ट्रॉफी या सर्टिफिकेट नहीं है। यह भारत के उन नागरिकों का सम्मान है, जिन्होंने अपने काम से देश को गर्व महसूस कराया है। हर साल 26 जनवरी को इन पुरस्कारों की घोषणा होती है, और इन्हें राष्ट्रपति भवन में मार्च या अप्रैल में आयोजित होने वाले एक खास कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।

इन पुरस्कारों में सिर्फ कला, विज्ञान, खेल और साहित्य से जुड़े लोग ही नहीं, बल्कि समाजसेवा, चिकित्सा, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में योगदान देने वाले लोगों को भी शामिल किया जाता है।


कोलकाता टकसाल: एक गौरवशाली इतिहास

कोलकाता टकसाल का इतिहास भी पद्म पुरस्कारों की तरह ही शानदार है। इसे ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित किया गया था। यहां न केवल भारतीय, बल्कि अन्य देशों के लिए भी सिक्के बनाए गए हैं।

टकसाल में हर चीज को बारीकी से देखा जाता है। जब पुरस्कार बनाए जाते हैं, तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनका डिज़ाइन और गुणवत्ता उच्चतम स्तर पर हो। यहां काम करने वाले कारीगर इन पुरस्कारों को इतनी खूबसूरती से तैयार करते हैं कि ये केवल एक धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक पहचान बन जाते हैं।


क्यों खास हैं पद्म पुरस्कार?

पद्म पुरस्कार का महत्व केवल इसकी डिजाइन में नहीं, बल्कि इसके पीछे छुपे सम्मान में है। यह हर उस व्यक्ति की कहानी कहता है, जिसने अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से कुछ ऐसा किया है, जो लाखों लोगों को प्रेरणा देता है।

यह पुरस्कार हमें याद दिलाते हैं कि चाहे हम किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर हम अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं, तो देश हमारा सम्मान करता है।


पद्म पुरस्कार (Padma Awards) न केवल उन लोगों का सम्मान हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण काम किया है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी प्रतीक है। इन पुरस्कारों का निर्माण कोलकाता टकसाल में बड़ी बारीकी से किया जाता है, और यह भारतीय कारीगरी और तकनीक की खूबसूरती को दर्शाते हैं।

गणतंत्र दिवस पर इन पुरस्कारों की घोषणा और फिर राष्ट्रपति भवन में उनका सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण होता है। यह हमें यह संदेश देता है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से हम किसी भी ऊंचाई को छू सकते हैं।


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