महाराष्ट्र के नागपुर स्थित मिहान (मल्टी-मॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब और एयरपोर्ट) क्षेत्र में ‘पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क’ की शुरुआत होने जा रही है। ये प्लांट 9 मार्च 2025 से अपने परिचालन में आ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नींव 2016 में रखी गई थी और अब ये पूरी तरह से तैयार है।
रोजगार के नए अवसर
इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से पतंजलि प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। जैसे-जैसे इस प्लांट का विस्तार होगा, रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। भविष्य में इस प्लांट के माध्यम से 10,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।
नागपुर को क्यों चुना गया?
नागपुर अपने संतरे (सिटरस फ्रूट्स) के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां संतरा, कीनू, मौसम्मी और नींबू जैसे फलों की भरपूर पैदावार होती है। यही कारण है कि पतंजलि ने इस क्षेत्र को अपने फ्रूट्स एवं वेजिटेबल्स प्रोसेसिंग प्लांट के लिए चुना। इस प्लांट में सिटरस और ट्रॉपिकल फलों को प्रोसेस करके जूस, जूस कंसंट्रेट, पल्प, पेस्ट और प्यूरी का उत्पादन किया जाएगा। यहां हर दिन 800 टन फलों को प्रोसेस करके फ्रोजन जूस कंसंट्रेट तैयार किया जाएगा, जो पूरी तरह से प्राकृतिक होगा। इसमें किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव या शुगर का उपयोग नहीं किया जाएगा।
फलों और सब्जियों की प्रोसेसिंग क्षमता
इस अत्याधुनिक प्लांट में विभिन्न फलों और सब्जियों को प्रोसेस किया जाएगा, जिनमें आंवला 600 टन प्रतिदिन, आम 400 टन प्रतिदिन, अमरूद 200 टन प्रतिदिन, पपीता 200 टन प्रतिदिन, सेब 200 टन प्रतिदिन, अनार 200 टन प्रतिदिन, स्ट्रॉबेरी 200 टन प्रतिदिन, प्लम 200 टन प्रतिदिन, नाशपाती 200 टन प्रतिदिन, टमाटर 400 टन प्रतिदिन, लौकी 400 टन प्रतिदिन, करेला 400 टन प्रतिदिन, गाजर 160 टन प्रतिदिन और एलोवेरा 100 टन प्रतिदिन प्रोसेस किए जाएंगे।
टेट्रा पैक यूनिट की स्थापना
उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, इस प्लांट में टेट्रा पैक यूनिट भी स्थापित की जाएगी। इस यूनिट के माध्यम से बिना किसी प्रिजर्वेटिव या शुगर के, उत्पादों को एसेप्टिक पैकेजिंग में उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को शुद्ध और प्राकृतिक उत्पाद मिलेंगे।
बाय-प्रोडक्ट्स का सदुपयोग
पतंजलि का ये प्लांट केवल जूस उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि फलों के बाय-प्रोडक्ट्स का भी पूरा उपयोग किया जाएगा। जैसे कि संतरे से जूस निकालने के बाद उसके छिलके से कोल्ड प्रेस तेल (CPO) निकाला जाएगा, जिसकी बाजार में काफी मांग है। इसके अलावा, नागपुर ऑरेंज बर्फी के लिए प्रीमियम पल्प, ऑयल बेस्ड अरोमा और वाटर बेस्ड अरोमा एसेंस का भी उत्पादन किया जाएगा। संतरे के छिलके से कॉस्मेटिक्स और अन्य वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स बनाने के लिए इसका पाउडर भी तैयार किया जाएगा।
पतंजलि का ये नया मेगा फूड एंड हर्बल पार्क न केवल स्थानीय कृषि और किसानों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। यह प्लांट भारत में प्राकृतिक और हेल्दी प्रोडक्ट्स के उत्पादन को एक नई दिशा देने के साथ-साथ, वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगा। नागपुर की यह पहल न केवल एक उद्योगिक विकास का संकेत है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
ये भी पढ़ें: Randhir Beniwal: कौन हैं रणधीर बेनीवाल, जिन्हें मायावती ने अपने भाई की जगह बना दिया BSP का नेशनल कोऑर्डिनेटर?