BJP ने तोड़ निकाल लिया? उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जबकि बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले। अखिलेश के ‘PDA’ (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) फॉर्मूले ने उन्हें 37 सीटों पर जीत दिलाई। अब बीजेपी ने इसे चुनौती देने के लिए ‘DPA’ (दलित, पिछड़ा और अगड़ा) फॉर्मूला तैयार किया है।
DPA यात्रा की घोषणा
बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने यूपी में DPA यात्रा निकालने का ऐलान किया है। यह यात्रा 15 अगस्त के बाद शुरू होगी और इसका मकसद आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति को मजबूत करना है। कौशल किशोर ने लखनऊ में ‘भारतीय संविधान है और रहेगा’ कार्यक्रम में इस यात्रा की घोषणा की।
कौशल किशोर का परिचय
कौशल किशोर, जो दलित समुदाय से आते हैं, यूपी में बीजेपी के प्रमुख नेता हैं। उन्होंने इस बार मोहनलालगंज से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा के आरके चौधरी से हार गए। पहले वे सपा की मुलायम सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और 2013 में बीजेपी में शामिल हुए थे। कौशल किशोर ने 1989 से 2014 तक 6 बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और 2014 व 2019 में बीजेपी की टिकट पर मोहनलालगंज सीट से सांसद बने। उनकी दलित समुदाय में अच्छी पैठ है और वे जमीनी नेता माने जाते हैं।
यात्रा का पहला चरण
DPA यात्रा के पहले चरण में 6 जिलों को कवर किया जाएगा: लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली। यात्रा के दौरान सभाएं और लोगों से संवाद होंगे, और पार्टी से दूर जा चुके दलित वोटर्स को वापस लाने की कोशिश की जाएगी।
आरक्षित सीटों पर बीजेपी की स्थिति
यूपी में अनुसूचित जाति के लिए 17 लोकसभा सीटें आरक्षित हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी 17 सीटें जीती थीं, लेकिन 2019 में ये घटकर 14 रह गईं। 2024 के चुनाव में बीजेपी को केवल 8 आरक्षित सीटें मिलीं।
दलित वोटरों का महत्व
यूपी की 80 में से 29 लोकसभा सीटों पर दलित वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं, क्योंकि इन सीटों पर दलित वोट 22 से 40% के बीच हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में यह वोट बैंक बीजेपी या बसपा की बजाय सपा के खाते में गया। अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने DPA यात्रा की योजना बनाई है।
इस यात्रा के जरिए बीजेपी का मकसद है कि दलित, पिछड़े और अगड़े सभी समुदायों को साथ लाकर आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जाए।
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