महाराष्ट्र

“हिंदू समाज के लोग हिंदू के यहां से ही खरीदें मीट…,” नितेश राणे की अपील

नितेश राणे
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बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने हलाल और झटका मांस को लेकर एक नया मुद्दा उठाया है और हिंदुओं से अपील की है कि वे केवल हिंदू दुकानों से ही मांस खरीदें। उनका कहना है कि ऐसा करने से मिलावट रहित मांस मिलेगा और हिंदू व्यापारियों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

मल्हार प्रमाणीकरण की शुरुआत
नितेश राणे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उन्होंने “मल्हार सर्टिफिकेशन डॉट कॉम” नामक पहल की शुरुआत की, जिसके तहत हिंदू बहुल मटन दुकानों को प्रमाणीकरण मिलेगा और इन्हें हिंदू व्यापारी ही संचालित करेंगे। उनका दावा है कि इन दुकानों में 100% शुद्ध मांस मिलेगा, जिसमें कोई मिलावट नहीं होगी।

राणे ने आगे कहा कि हिंदुओं को मल्हार प्रमाणीकरण वाली दुकानों से ही मांस खरीदने को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनका मानना है कि इससे हिंदू समुदाय के युवाओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।

राज ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया
हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कुंभ मेले को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिन पर नितेश राणे ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “नमो गंगे” योजना के तहत गंगा नदी को शुद्ध करने का कार्य किया है और राज ठाकरे को इस विषय पर पूरी जानकारी नहीं है। राणे का कहना है कि कुंभ मेले के बारे में नकारात्मक टिप्पणी करना हिंदू धर्म का अपमान है।

उन्होंने आगे कहा कि वे स्वयं महाकुंभ में शामिल होकर लौटे हैं और उनकी मां भी उनके साथ गई थीं, लेकिन अब तक उन्हें किसी तरह की बीमारी नहीं हुई है। इस तरह की टिप्पणियों से राज ठाकरे को बचना चाहिए।

बकरीद पर सवाल क्यों नहीं?
राणे ने सवाल उठाया कि राज ठाकरे बकरीद के दौरान होने वाली गंदगी पर कभी आवाज क्यों नहीं उठाते? उन्होंने कहा कि बकरीद के दौरान नदी और पानी में खून बहता है, लेकिन इस पर कोई सवाल नहीं करता। उन्होंने आरोप लगाया कि हर बार हिंदू धर्म को ही निशाना बनाया जाता है, जबकि अन्य धर्मों पर कोई टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं दिखाता।

उन्होंने मुंबई के मोहम्मद अली रोड का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बकरीद के समय गंदगी का माहौल रहता है, लेकिन इस पर सवाल उठाने की हिम्मत कोई नहीं करता। उनके अनुसार, अगर महाकुंभ को लेकर सवाल किए जाते हैं, तो रमजान और बकरीद पर भी सवाल उठाए जाने चाहिए।

उद्धव ठाकरे को दिया जवाब
हाल ही में उद्धव ठाकरे ने एक बयान दिया था कि जब बीजेपी कार्यकर्ता “जय श्रीराम” बोलें, तो शिवसैनिकों को “जय शिवाजी” और “जय भवानी” से जवाब देना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नितेश राणे ने कहा कि वे “जय श्रीराम” और “जय शिवाजी” एक ही सांस में बोलते हैं।

उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें “अल्लाहु अकबर” का जाप करना बंद करना चाहिए, तभी उन्हें “जय श्रीराम” और “जय शिवाजी” के महत्व का सही एहसास होगा।

नितेश राणे के ये बयान एक बार फिर राजनीतिक और धार्मिक बहस को जन्म दे सकते हैं। जहां एक तरफ वे हिंदू व्यापारियों को मांस व्यवसाय में बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे महाकुंभ पर उठे सवालों और धार्मिक असमानता पर भी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इन बयानों का महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।

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