क्या पोस्टमार्टम के बाद कोई व्यक्ति जिंदा हो सकता है? ये सवाल जितना अविश्वसनीय लगता है, उतना ही चौंकाने वाला जवाब राजस्थान के झुंझुनू से आए एक वायरल वीडियो ने दिया है। इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और चिकित्सा विज्ञान पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल झुंझुनू जिले के बगड़ कस्बे में स्थित मां सेवा संस्थान आश्रम में रहने वाले रोहिताश का इलाज लंबे समय से चल रहा था। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव को मुर्दाघर में डीप फ्रिज में रखा गया और पोस्टमार्टम तथा पंचनामा की प्रक्रिया के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
आखिरी संस्कार की तैयारी के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने सभी को हैरान कर दिया। जब शव को चिता पर रखा गया, तो अचानक उसका शरीर हिलने लगा और सांसें लौट आईं। आनन-फानन में रोहिताश को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
ये घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। ‘शुभम शुक्ला’ नामक एक यूजर ने घटना से जुड़ा वीडियो साझा किया, जो वायरल हो गया। इस वीडियो पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कोई इसे विज्ञान का चमत्कार बता रहा है तो कोई इसे चिकित्सा की असफलता।
यूजर्स ने इस पर मजाकिया टिप्पणियां भी कीं। किसी ने लिखा, “पोस्टमार्टम के बाद किसी के जिंदा होने का ये शायद पहला मामला होगा। इस देश का विज्ञान अलग ही गति से चल रहा है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने डॉक्टरों की काबिलियत पर सवाल उठाते हुए कहा, “आजकल के डॉक्टर भी कन्फ्यूज हैं।”
जांच के आदेश जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए झुंझुनू के जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच जल्द पूरी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वैसे ये घटना जितनी अजीबोगरीब है, उतनी ही चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। ये सवाल उठाती है कि आखिर ऐसी स्थिति कैसे पैदा हुई जहां एक मृत घोषित व्यक्ति फिर से जीवित हो गया। झुंझुनू की ये घटना फिलहाल एक रहस्य बनी हुई है, जिसकी सच्चाई का इंतजार सभी को है।
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