PM Modi Convoy: गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा को लेकर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सूरत में पीएम मोदी के काफिले के रिहर्सल के दौरान एक नाबालिग लड़के को साइकिल चलाने की वजह से पुलिसकर्मी ने बाल खींचकर और लात-घूंसे मारकर पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस ने संबंधित इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की है।
क्या हुआ था?
पीएम मोदी के गुजरात दौरे के मद्देनजर सूरत में उनके काफिले का रिहर्सल चल रहा था। इस दौरान सड़क को पूरी तरह से खाली कर दिया गया था। तभी एक नाबालिग लड़का साइकिल चलाते हुए वहां पहुंच गया। लड़के ने साइकिल को काफिले की ओर मोड़ा ही था कि तभी पुलिस सब-इंस्पेक्टर बीए गढ़वी ने उसे पकड़ लिया। पुलिसकर्मी ने लड़के के बाल खींचे और उसे लात-घूंसे मारकर पीटना शुरू कर दिया।
इस पूरे वाकये को किसी ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़का साइकिल लेकर वापस जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिसकर्मी ने उसे पीटना शुरू कर दिया। वीडियो वायरल होते ही लोगों ने पुलिसकर्मी की इस हरकत की कड़ी आलोचना की।
This Gujarat Police officer brutally thrashed a harmless kid on a cycle just for coming in between the convoy of Police VVIP movement rehearsal.
Look at how he makes a fist and punches the kid.
NAME AND SHAME THIS COP UNITL HE IS SUSPENDED!
— Roshan Rai (@RoshanKrRaii) March 7, 2025
पीड़ित लड़के ने क्या कहा?
घटना के बाद पीड़ित लड़के ने बताया कि उसे इस रूट से पीएम मोदी के काफिले के आने की कोई जानकारी नहीं थी। वह साइकिल चलाते हुए गलती से वहां पहुंच गया था। लड़के ने कहा, “मैं साइकिल लेकर वहां से निकल रहा था, लेकिन पुलिसवाले ने मेरे बाल खींचे और मुझे पीटना शुरू कर दिया। मैंने कोई गलती नहीं की थी।”
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
वीडियो वायरल होने के बाद सूरत पुलिस ने तुरंत संबंधित पुलिसकर्मी सब-इंस्पेक्टर बीए गढ़वी को ग्राउंड ड्यूटी से हटा दिया। उन्हें कंट्रोल रूम में तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर आलोचना
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों ने पुलिसकर्मी की कड़ी आलोचना की है। कई यूजर्स ने कहा कि पुलिस को ऐसी स्थिति में संयम बरतना चाहिए था। एक यूजर ने लिखा, “यह लड़का नाबालिग है और उसने कोई गलती नहीं की थी। पुलिस को उसे समझाना चाहिए था, न कि उसे पीटना चाहिए।”
यह घटना पुलिस की जवाबदेही और संयम पर सवाल खड़े करती है। हालांकि, पीएम मोदी की सुरक्षा एक गंभीर मामला है, लेकिन इसके लिए नाबालिग बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है। पुलिस को ऐसी स्थितियों में संयम और समझदारी से काम लेना चाहिए। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन को अपने कर्मचारियों को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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