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पुतिन और जेलेंस्की को PM मोदी की झप्पी: जयशंकर ने दिया भारतीय संस्कृति का परिचय

पुतिन और जेलेंस्की को PM मोदी की झप्पी: जयशंकर ने दिया भारतीय संस्कृति का परिचय
Kyiv : Prime Minister Narendra Modi with Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy at the Mariyinsky Palace in Kyiv, Ukraine, on Friday, August 23, 2024. (Photo: IANS)
PM मोदी की झप्पी: इस लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गले लगाने की कूटनीति का विश्लेषण किया गया है, जो भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हाजिरजवाब ने इस कूटनीति के पीछे की गहरी भावना को और भी स्पष्ट किया है।

PM मोदी की झप्पी: भारतीय कूटनीति में ‘गले लगाने’ का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति का एक अद्वितीय पहलू है उनका गले लगाने का तरीका, जो भारतीय संस्कृति का प्रतीक बन गया है। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान, पीएम मोदी ने पहले उनसे हाथ मिलाया और फिर तुरंत गर्मजोशी से उन्हें गले लगा लिया। यह एक साधारण गले लगाना नहीं था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक संदेश था, जिसे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने और भी स्पष्ट किया।

पुतिन और जेलेंस्की के साथ मोदी का कूटनीतिक संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को गले लगाने से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इसी तरह गले लगाया था। यह गले लगाना केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक गहरा सांस्कृतिक और कूटनीतिक संदेश छिपा था। जयशंकर ने इसे समझाते हुए कहा कि गले लगाना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। भारत में जब लोग मिलते हैं, तो वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं। यह पश्चिमी संस्कृति में भले ही सामान्य न हो, लेकिन भारत में इसे एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम माना जाता है।

जयशंकर का हाजिरजवाब और भारतीय संस्कृति का पाठ

जब एक पश्चिमी पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी के गले लगाने की कूटनीति पर सवाल उठाया, तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उसे भारतीय संस्कृति का पाठ पढ़ाते हुए कहा, “हमारी संस्कृति में गले मिलना एक साधारण शिष्टाचार नहीं, बल्कि एक भावना का प्रतीक है। यह एक तरीका है जिससे हम दिखाते हैं कि हम अपने मेहमानों का स्वागत करते हैं।” जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी ने कई अन्य नेताओं के साथ भी यही तरीका अपनाया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में गले लगाना एक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है।

भारतीय कूटनीति का वैश्विक मंच पर प्रभाव

मोदी की गले (PM मोदी की झप्पी) लगाने की कूटनीति ने न केवल भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया है, बल्कि इससे भारत की कूटनीतिक स्थिति भी मजबूत हुई है। यह एक संकेत है कि भारत अपने सांस्कृतिक मूल्यों के साथ खड़ा है, चाहे वह कितनी भी अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दबाव में हो।


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