Naxals Surrender in Gadchiroli: गड़चिरोली, महाराष्ट्र में हाल ही में हुए 11 नक्सलियों के आत्मसमर्पण ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र सरकार की सराहना करते हुए इसे क्षेत्र के विकास और शांति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। गड़चिरोली लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाका रहा है, लेकिन इस घटना ने उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि जल्द ही नक्सलवाद का प्रभाव कम हो सकता है।
आत्मसमर्पण की बड़ी घटना
1 जनवरी 2025 को गड़चिरोली में 1 करोड़ रुपये से अधिक के इनामी 11 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें 8 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थे। सबसे प्रमुख नाम विमला चंद्र सिदम उर्फ तारक्का का था, जो दंडकारण्य जोनल कमेटी की सदस्य और भूपति नामक वरिष्ठ नक्सली की पत्नी थीं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में डिवीजन कमेटी के तीन सदस्य, एक डिप्टी कमांडर और दो एरिया कमेटी सदस्य भी शामिल थे। इन पर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने इनाम घोषित कर रखा था।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“मैं महाराष्ट्र सरकार के प्रयासों की सराहना करता हूं, जो उन्होंने गड़चिरोली और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए किए हैं। यह आत्मसमर्पण न केवल ‘जीवन की सुगमता’ को बढ़ावा देगा, बल्कि विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।”
पीएम मोदी ने गड़चिरोली और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को विशेष बधाई देते हुए कहा कि यह घटना पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
आत्मसमर्पण के पीछे सरकार की रणनीति
महाराष्ट्र सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 86 लाख रुपये का वित्तीय सहायता पैकेज दिया। यह सहायता उनके नए जीवन को शुरू करने और मुख्यधारा में लौटने के लिए दी गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को नक्सलवाद के अंत की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा,
“गड़चिरोली कभी नक्सलियों का गढ़ था। यहां न सड़कें थीं और न ही कोई सरकारी पहुंच। लेकिन हमने इस इलाके में चौकियां स्थापित कीं, सड़कें बनाईं और पुल का निर्माण किया। अब नक्सलियों का दबदबा खत्म हो रहा है।”
विकास के जरिए बदलाव
गड़चिरोली में सड़क और पुल निर्माण के साथ-साथ राज्य परिवहन बसों की शुरुआत ने इस क्षेत्र में विकास की नई लहर लाई है। सीएम फडणवीस ने बताया कि इस क्षेत्र में 75 साल बाद राज्य परिवहन की बस पहुंची है।
उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद अब खत्म होने की कगार पर है, क्योंकि नक्सली संगठनों को नए लोग नहीं मिल रहे हैं और बड़े कैडर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
आत्मसमर्पण का महत्व
नक्सलियों का आत्मसमर्पण न केवल गड़चिरोली बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह घटना दर्शाती है कि अगर सरकार विकास और सुरक्षा दोनों पर ध्यान केंद्रित करे, तो शांति स्थापित करना संभव है।
गड़चिरोली में 11 नक्सलियों का आत्मसमर्पण सरकार की रणनीति और विकास की प्रतिबद्धता का परिणाम है। यह घटना न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है कि नक्सलवाद को खत्म किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री फडणवीस की तारीफ ने इस घटना को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।