गुजरात के कच्छ जिले में स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र में इस वर्ष की दिवाली का त्योहार विशेष रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी परंपरा को जारी रखते हुए सर क्रीक सीमा (Sir Creek Border) पर तैनात वीर जवानों के साथ दीपों का त्योहार मनाया।
सर क्रीक का रणनीतिक महत्व
सर क्रीक सीमा (Sir Creek Border) भारत और पाकिस्तान के बीच एक जटिल सीमा क्षेत्र है, जो अपनी भौगोलिक विशेषताओं के कारण विशेष चुनौतियां प्रस्तुत करता है। यह 96 किलोमीटर लंबा जलीय क्षेत्र कच्छ की खाड़ी में स्थित है, जहां दलदली भूमि और जटिल जल मार्गों का जाल बिछा हुआ है। यह क्षेत्र न केवल दो देशों के बीच सीमा विवाद का केंद्र है, बल्कि अवैध गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। बीएसएफ के जवान यहां विशेष तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करते हुए चौबीसों घंटे निगरानी रखते हैं।
सैनिकों के साथ विशेष मुलाकात
लक्की नाला चौकी पर जवानों के साथ दीवाली उत्सव (Diwali Celebration with Soldiers) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों के साथ गहन संवाद किया। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के विशेष मगरमच्छ कमांडो यूनिट की कार्यप्रणाली को समझा, जो इस दुर्गम क्षेत्र में विशेष अभियान चलाते हैं। प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ मिठाइयां बांटीं और उनके परिवारों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने सैनिकों की कठिन परिस्थितियों में काम करने की क्षमता की सराहना की और उनके मनोबल को बढ़ाया।
सुरक्षा व्यवस्था का विस्तृत जायजा
सर क्रीक क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने नवीनतम तकनीकी उपकरणों और निगरानी प्रणालियों की जानकारी ली। यहां तैनात सैनिक अत्याधुनिक थर्मल इमेजिंग डिवाइस, नाइट विजन उपकरण और विशेष नौकाओं का उपयोग करते हैं। बीएसएफ की विशेष टीमें नियमित रूप से गश्त करती हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती हैं।
सैनिकों का मनोबल बढ़ाने वाला संबोधन
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अपनी एक इंच भूमि पर भी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने सीमा सुरक्षा में आधुनिक तकनीक के महत्व पर जोर दिया और बताया कि सरकार सैनिकों को हर संभव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में सैनिकों का योगदान अमूल्य है और उनकी वजह से ही देश के नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
सर क्रीक की विशिष्ट चुनौतियां
यह क्षेत्र अपनी जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण विशेष चुनौतियां प्रस्तुत करता है। यहां की दलदली भूमि में गश्त करना अत्यंत कठिन होता है। मानसून के दौरान स्थिति और भी जटिल हो जाती है। लेकिन बीएसएफ के जवान इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए देश की सीमाओं की रक्षा में लगे रहते हैं। उनके पास विशेष प्रशिक्षण और उपकरण हैं जो उन्हें इस कठिन भू-भाग में कार्य करने में सहायता करते हैं।
क्षेत्र का आर्थिक महत्व
सर क्रीक क्षेत्र का महत्व केवल सुरक्षा की दृष्टि से ही नहीं है। यह क्षेत्र मछली पालन और समुद्री संसाधनों के लिए भी जाना जाता है। यहां के जल में कई प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं। इसलिए इस क्षेत्र की सुरक्षा आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सीमा सुरक्षा बल के जवान न केवल सीमा की रक्षा करते हैं बल्कि अवैध मछली पकड़ने की गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं।
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