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चुनावी संग्राम के बीच पीएम मोदी की आध्यात्मिक यात्रा: विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान साधना की तैयारी

चुनावी संग्राम के बीच पीएम मोदी की आध्यात्मिक यात्रा

चुनावी संग्राम के बीच पीएम मोदी की आध्यात्मिक यात्रा: लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण की वोटिंग से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशेष साधना में लीन होने की योजना बना रहे हैं। चुनाव प्रचार के समापन के बाद, वे कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर जाएंगे, जहां वे एक दिन और एक रात ध्यान साधना में बिताएंगे। यह वही स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद ने भी अपनी गहन साधना की थी।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल – एक आध्यात्मिक धरोहर विवेकानंद रॉक मेमोरियल, जो कि भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित है, एक प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। यह वही जगह है जहां स्वामी विवेकानंद ने 1892 में तीन दिन तक ध्यान किया था और ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को आकार दिया था। इस स्थान को भारतीय आध्यात्मिकता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक माना जाता है।

पीएम मोदी की साधना – एक राजनीतिक और आध्यात्मिक कदम पीएम मोदी का यह कदम न केवल उनकी आध्यात्मिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि वे चुनावी शोर-शराबे से दूर एकांत में समय बिताकर अपने आप को ऊर्जावान और केंद्रित करना चाहते हैं। इससे पहले भी, 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद, पीएम मोदी ने केदारनाथ में ध्यान लगाया था, जिसे उनके समर्थकों और आलोचकों दोनों ने ही व्यापक रूप से नोटिस किया था।

ध्यान का महत्व – एक भारतीय परंपरा ध्यान और साधना भारतीय संस्कृति के मूल तत्व हैं और इसे आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शांति की ओर ले जाने वाला मार्ग माना जाता है। पीएम मोदी का यह कदम उनके व्यक्तिगत जीवन में इस परंपरा के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है।

इस घटनाक्रम का चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन यह निश्चित है कि पीएम मोदी की यह साधना उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बनी रहेगी। यह उनके राजनीतिक जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व को भी रेखांकित करता है।

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