प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में मुंबई और महाराष्ट्र के बारे में कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई, जो देश की आर्थिक राजधानी है, उसे कोलकाता की तरह ‘बर्बाद’ नहीं होने दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के अनुसार, कोलकाता जो पश्चिम बंगाल की राजधानी है, कभी आर्थिक शक्ति का केंद्र था क्योंकि यह पूर्व में ब्रिटिश शासन की राजधानी थी। लेकिन बंगाल की राजनीति ने शहर की स्थिति को ‘बर्बाद’ कर दिया है और इसकी वृद्धि सीमित हो गई है।
प्रधानमंत्री ने मुंबई और महाराष्ट्र की तुलना कोलकाता से करते हुए कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र को उस रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने गठबंधन सरकारों के खिलाफ भी तर्क दिया और उनकी कार्य क्षमता पर सवाल उठाए। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए बताया कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों से गठबंधन सरकारें रही हैं, और कोई भी मुख्यमंत्री वहां पिछले समय में पूरा पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर पाया है।
इस बयान के पीछे कई अर्थ और संदेश हो सकते हैं। पहला, 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद आने वाले महीनों में, महाराष्ट्र अपनी विधानसभा का चुनाव करेगा। दूसरा, यह चुनाव भी महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम मोड़ लाएगा, क्योंकि इसमें विभिन्न दल और उनके गुट आमने-सामने होंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री के इस बयान से बीजेपी को कितना लाभ होगा, यह देखना बाकी है।
प्रधानमंत्री के इन बयानों से यह साफ होता है कि वह महाराष्ट्र में अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं और विपक्षी दलों को कमजोर दिखाना चाहते हैं।