President Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में ‘लक्ष्मीपत सिंघानिया-आईआईएम लखनऊ राष्ट्रीय नेतृत्व पुरस्कार’ (IIM Lucknow National Leadership Awards) समारोह में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, देश के समावेशी विकास के लिए प्रबंधन संस्थानों में शिक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव करने की जरूरत है. उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को प्रबंधन शिक्षा से जोड़ने का भी आह्वान किया और कहा कि जो इसे जानता है और इसका सही तरीके से उपयोग करता है, उसे अपनी नौकरी खोने का कोई डर नहीं होना चाहिए.
देश के अधिक प्रभावी और समावेशी विकास के लिए हमें अपने प्रबंधन संस्थानों की शिक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव लाने होंगे. हमारे प्रबंधन संस्थानों को भी अपने शोध को भारत में स्थित शोध पत्रिकाओं पर केंद्रित करना चाहिए. उन भारतीय पत्रिकाओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जो मुक्त पहुंच क्षेत्र में हैं और सभी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए सुलभ हैं. – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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राष्ट्रपति ने कहा कि विदेशों में स्थित व्यवसायों के बारे में केस स्टडी और लेखों के बजाय, देश में स्थित भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बारे में केस स्टडी लिखी और पढ़ाई जानी चाहिए.
हाल ही में उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग से 41 श्रमिकों को बचाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बचाव अभियान की न केवल सराहना की जा रही है बल्कि इस पर नेतृत्व अध्ययन कराने की भी बात हो रही है. यह एक बहुत अच्छा और जीवंत विषय है, विशेष रूप से संकट में नेतृत्व और टीम वर्क के लिए.
एआई (AI) के बारे में बोलते हुए मुर्मू ने कहा कि कई लोग इस तकनीकी नवाचार के कारण नौकरी छूटने के डर से चिंतित हैं. उन्होंने कहा, “जो एआई (AI) को जानता है और इसका सही तरीके से उपयोग करता है, उसे एआई (AI) के कारण अपनी नौकरी खोने का कोई डर नहीं होना चाहिए.” यही नहीं उन्होंने एआई (AI) के सभी आयामों को प्रबंधन शिक्षा से जोड़ने का आह्वान भी किया.