दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और विशेष रूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कड़ी आलोचना की। याचिका में दिल्ली नगर निगम (MCD) स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को पाठ्यपुस्तकें और यूनिफॉर्म न मिलने की समस्या को उठाया गया था।
कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए। विशेष रूप से, कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा न देकर अपने व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा।
अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार की दिलचस्पी सिर्फ सत्ता में बने रहने की है और उन्होंने सत्ता के अहंकार को चरम पर बताया। इसके अलावा, कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर भी टिप्पणी की, जिन्होंने छात्रों की दुर्दशा पर आंखें मूंद ली हैं।
इस घटना ने दिल्ली सरकार के प्रशासनिक कार्यों और उनकी प्राथमिकताओं पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अदालत ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है और फैसला सोमवार को सुनाया जाएगा।
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