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Radio Club Jetty Construction Approved: रेडियो क्लब जेटी परियोजना को MPCB की हरी झंडी, 30 महीने में होगा पूरा

Radio Club Jetty Construction Approved: रेडियो क्लब जेटी परियोजना को MPCB की हरी झंडी, 30 महीने में होगा पूरा

Radio Club Jetty Construction Approved: मुंबई का गेटवे ऑफ इंडिया, जो न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि पर्यटकों और नौका यात्रियों का एक प्रमुख केंद्र भी है, अब एक नए बदलाव की ओर बढ़ रहा है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) ने हाल ही में रेडियो क्लब के पास एक नया यात्री जेटी (passenger jetty) और टर्मिनल भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह 229 करोड़ रुपये की परियोजना गेटवे ऑफ इंडिया के पास भीड़ को कम करने और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। नई पीढ़ी, जो पर्यावरण और विरासत के प्रति संवेदनशील है, इस परियोजना को लेकर उत्साहित भी है और चिंतित भी।

यह परियोजना महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य गेटवे ऑफ इंडिया से नौका यातायात को रेडियो क्लब जेटी (Radio Club jetty) की ओर स्थानांतरित करना है। इस कदम से न केवल क्षेत्र की भीड़ कम होगी, बल्कि यात्रियों के लिए बेहतर और सुरक्षित सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। गेटवे ऑफ इंडिया पर हर साल लगभग 25 लाख यात्री नौकाओं से यात्रा करते हैं, जिसके कारण यह क्षेत्र अक्सर भीड़भाड़ और असुरक्षा का शिकार हो जाता है। खासकर बुजुर्ग यात्रियों को नौकाओं में चढ़ने-उतरने में काफी परेशानी होती है। इस नई जेटी के निर्माण से इन समस्याओं को दूर करने की उम्मीद है।

नया जेटी 30 महीनों में बनकर तैयार होगा और यह एक साथ 20 नौकाओं को संभालने की क्षमता रखेगा। इसके साथ ही, 80 वर्ग मीटर में फैला एक टर्मिनल भवन भी बनाया जाएगा, जिसमें 350 लोगों की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर, बर्थिंग जेटी, एप्रोच जेटी, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी, और हरियाली के लिए बागवानी कार्य शामिल होंगे। यह परियोजना न केवल यात्री सुविधाओं को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र की सौंदर्यता को भी निखारेगी। नई पीढ़ी के लिए, जो आधुनिक बुनियादी ढांचे और सौंदर्यपूर्ण स्थानों को महत्व देती है, यह परियोजना एक आकर्षक कदम है।

हालांकि, कोलाबा के स्थानीय निवासियों ने इस परियोजना पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह परियोजना ऐतिहासिक क्षेत्र (heritage precinct) को नुकसान पहुंचा सकती है और प्रेम रामचंदानी मार्ग पर पहले से मौजूद अवैध पार्किंग और ट्रैफिक जाम की समस्या को और बढ़ा सकती है। निवासियों का मानना है कि इस क्षेत्र में पहले से ही वाहनों और फेरीवालों की भीड़ के कारण पर्यटकों को असुविधा होती है। इस परियोजना के साथ ट्रैफिक और भी जटिल हो सकता है। इन चिंताओं को लेकर कोलाबा के निवासियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों ही कोर्ट ने निर्माण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 27 मई को कहा कि यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है और इसे मानसून के अंत तक, यानी 2025 तक, जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया।

महाराष्ट्र के बंदरगाह और मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने इस परियोजना को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। MMB ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माण के दौरान उन्नत मशीनरी का उपयोग किया जाएगा, ताकि शोर और कंपन को कम किया जा सके। साथ ही, जेटी का डिज़ाइन इस तरह बनाया गया है कि पानी इसके नीचे से स्वतंत्र रूप से बह सके, जिससे आसपास की संरचनाओं पर कोई दबाव न पड़े। यह तकनीकी दृष्टिकोण नई पीढ़ी को आकर्षित करता है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूक होने के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों का समर्थन करती है।

इस परियोजना की लागत पहले 165 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन निर्माण योजनाओं में बदलाव के बाद इसे 229.28 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया। RKEC प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 186.67 करोड़ रुपये की बोली के साथ इस परियोजना का ठेका हासिल किया, जो मूल अनुमान से 6.61% कम है। यह परियोजना इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन (EPC) मॉडल पर आधारित है, जिसके तहत निर्माण के बाद रखरखाव के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त किया जाएगा। यह आधुनिक दृष्टिकोण नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है, जो कुशल और पारदर्शी प्रणालियों को महत्व देती है।

कोलाबा निवासियों की चिंताओं के बावजूद, MMB ने दावा किया है कि यह परियोजना गेटवे ऑफ इंडिया की भीड़ को कम करेगी और पर्यटकों के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करेगी। निवासियों ने यह भी तर्क दिया है कि इस परियोजना के लिए कई अनुमतियां, जैसे तटीय नियमन क्षेत्र (CRZ) मंजूरी, बिना उचित प्रक्रिया के दी गई हैं। इसके बावजूद, मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (MHCC) ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है, यह कहते हुए कि यह यात्री और पर्यटक आवाजाही को अलग करेगा और गेटवे ऑफ इंडिया की सुरक्षा और सौंदर्य को बढ़ाएगा।

यह परियोजना न केवल मुंबई के समुद्री बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। गेटवे ऑफ इंडिया जैसे ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करते हुए, यह नया यात्री जेटी (passenger jetty) और टर्मिनल शहर के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है, जो विरासत और आधुनिकता के बीच संतुलन को महत्व देती है।

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