Raut Accuses Shelke of Illegal Mining: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के विधायक सुनील शेलके पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राउत ने दावा किया कि मावल के विधायक शेलके ने अवैध खनन (Illegal Mining) के जरिए हजारों करोड़ रुपये की रॉयल्टी हड़प ली है। उन्होंने कहा कि शेलके ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की जमीन का दुरुपयोग कर अवैध रूप से रेत और पत्थर का खनन किया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
राउत ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाए। उन्होंने यह भी उजागर किया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। उनके मुताबिक, उन्होंने पहले भी फडणवीस को उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार (Political Corruption) से जुड़े 21 मामलों की जानकारी सबूतों के साथ भेजी थी। लेकिन इनमें से किसी भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। राउत ने कहा कि सरकार को समर्थन देने वाले दलों के विधायक और सांसद महाराष्ट्र की संपत्ति को लूट रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
इस पत्र में राउत ने लिखा, “देवेंद्रजी, महाराष्ट्र में यह लूटमार कब तक चलेगी? इसे रोकने के लिए तुरंत कदम उठाएँ।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर सरकार ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की, तो यह उन ईमानदार किसानों और जमींदारों के साथ अन्याय होगा, जिनकी जमीनें औद्योगिक उपयोग के लिए अधिग्रहित की गई थीं। राउत का कहना है कि ऐसी गतिविधियाँ न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि जनता का भरोसा भी तोड़ती हैं।
सुनील शेलके ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राउत ने बिना किसी ठोस सबूत के उनके खिलाफ बयानबाजी की है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर राउत के पास कोई दस्तावेज, सरकारी नोटिस या जांच से संबंधित जानकारी है, तो उसे सार्वजनिक करें। शेलके ने कहा कि जब तक राउत सबूत पेश नहीं करते, वह इस मामले में कोई सफाई नहीं देंगे। उनकी इस प्रतिक्रिया ने इस विवाद को और गर्म कर दिया है।
विपक्ष के कुछ नेताओं ने राउत के आरोपों का समर्थन किया है। एनसीपी (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार और जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि राउत के दावों में कुछ सच्चाई हो सकती है। उन्होंने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। दूसरी ओर, एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि आरोप लगाना उनकी पुरानी आदत है। मिटकरी ने दावा किया कि राउत बिना सबूत के बयान देकर केवल सुर्खियाँ बटोरना चाहते हैं।
यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है। राउत के पत्र ने न केवल शेलके के खिलाफ सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि सरकार भ्रष्टाचार (Political Corruption) के मामलों में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करती है। यह मामला अब विधानमंडल और जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी या यह केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा।