Relief for 86 Stalled SRA Projects in Mumbai: मुंबई की गलियों में जहां सपने बसते हैं, वहां लाखों लोग झोपड़पट्टियों में अपनी जिंदगी संवारने की जद्दोजहद करते हैं। लेकिन कई सालों से रुके हुए स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) प्रोजेक्ट्स ने इन लोगों के सपनों पर ताला लगा दिया था। अब एक नई उम्मीद जगी है। 16 जून 2025 को मुंबई उपनगर के संरक्षक मंत्री अशिष शेलार ने SRA कार्यालय का दौरा किया और 86 रुके हुए प्रोजेक्ट्स (Stalled SRA Projects, रुके SRA प्रोजेक्ट्स) के लिए राहत की बड़ी घोषणा की। इन प्रोजेक्ट्स के पुराने डेवलपर्स के अधिकार रद्द कर दिए गए हैं, और अब निवासियों को नए डेवलपर्स नियुक्त करने की अनुमति मिलेगी। यह खबर उन हजारों परिवारों के लिए सुकून की सांस है, जो सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं।
मुंबई की झोपड़पट्टियां सिर्फ मिट्टी और तिरपाल की कहानी नहीं हैं। ये उन लोगों की मेहनत और हिम्मत की गवाही देती हैं, जो शहर की चमक-दमक के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। SRA की योजना 1995 में शुरू हुई थी, जिसका मकसद था झोपड़पट्टी वालों को मुफ्त में पक्के घर देना। इसके बदले डेवलपर्स को जमीन का एक हिस्सा लक्जरी टावर बनाने के लिए मिलता था। लेकिन कई प्रोजेक्ट्स में डेवलपर्स ने न तो निर्माण पूरा किया और न ही निवासियों को किराया दिया। 2022 से अब तक डेवलपर्स पर 1,382.48 करोड़ रुपये का किराया बकाया था। इस राशि में से 735.67 करोड़ रुपये वसूल किए गए, लेकिन 646 करोड़ रुपये अभी भी बाकी हैं। इन समस्याओं ने हजारों परिवारों को बेघर और बेसहारा छोड़ दिया था।
अशिष शेलार के दौरे ने इस अंधेरे में एक नई रोशनी जलाई। SRA के सीईओ महेंद्र कल्याणकर और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में शेलार ने निवासियों की शिकायतों को गंभीरता से सुना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेवलपर्स की लापरवाही से प्रभावित लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए। 86 प्रोजेक्ट्स में डेवलपर्स ने न तो किराया दिया और न ही काम शुरू किया। SRA ने इन डेवलपर्स को कानूनी नोटिस भेजे और उनके अधिकार रद्द करने की प्रक्रिया पूरी की। अब निवासी नए डेवलपर्स चुन सकते हैं, जो इन प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करेंगे। यह कदम उन परिवारों के लिए बड़ा सहारा है, जो ट्रांजिट कैंपों में या किराए के मकानों में मुश्किल जिंदगी जी रहे हैं।
SRA ने हाल ही में एक और बड़ा कदम उठाया। पिछले दो महीनों में डेवलपर्स से 552 करोड़ रुपये का अग्रिम किराया वसूला गया। यह राशि निवासियों को उनके हक का किराया देने में मदद करेगी। शेलार ने इस प्रयास की तारीफ की और कहा कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अलावा, SRA ने प्रोएक्टिव डिस्क्लोजर सिस्टम शुरू किया है, जिससे लोगों को जानकारी आसानी से मिल रही है। इस सिस्टम की वजह से RTI आवेदनों की संख्या भी कम हुई है। ये बदलाव दिखाते हैं कि SRA अब निवासियों के हितों को पहले रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुंबई में झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना (Slum Rehabilitation Scheme, झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना) की राह कभी आसान नहीं रही। कई प्रोजेक्ट्स सालों से अटके हैं, क्योंकि डेवलपर्स ने पैसे की कमी या नियमों का पालन न करने का बहाना बनाया। कुछ मामलों में तो निवासियों का 70% सहमति पत्र लेने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। जोगेश्वरी, अंधेरी, भांडुप और वीखरोली जैसे प्रमुख इलाकों में रुके प्रोजेक्ट्स अब नए सिरे से शुरू होने की उम्मीद है। SRA ने यह भी सुनिश्चित किया कि नए डेवलपर्स को प्रोजेक्ट देने से पहले उनकी वित्तीय और तकनीकी क्षमता की जांच हो। इससे भविष्य में प्रोजेक्ट्स के अटकने की संभावना कम होगी।
इस राहत का असर सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है। बांद्रा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 104 निवासियों को उनके नए घरों की चाबियां सौंपी गईं। ये लोग कोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जमीन अधिग्रहण की वजह से विस्थापित हुए थे। 16 जून को शेलार ने खुद 24 निवासियों को चाबियां दीं। यह छोटा-सा पल उन परिवारों के लिए बड़ा था, जिन्होंने सालों तक अपने घर का इंतजार किया। एक महिला ने चाबी लेते वक्त कहा कि अब उनके बच्चे एक पक्के घर में पढ़ाई कर सकेंगे। ऐसे पल मुंबई की झोपड़पट्टियों में रहने वालों के लिए नई शुरुआत की कहानी लिखते हैं।
SRA की यह पहल सिर्फ घर देने तक सीमित नहीं है। यह उन लोगों की जिंदगी को गरिमा और स्थिरता देने की कोशिश है, जो मुंबई की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं। ड्राइवर, घरेलू कामगार, दुकानदार—ये सभी शहर की रीढ़ हैं, लेकिन अक्सर इन्हें बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता है। रुके हुए प्रोजेक्ट्स की वजह से कई परिवार ट्रांजिट कैंपों में रहने को मजबूर थे, जहां न तो साफ पानी था और न ही बिजली। अब नए डेवलपर्स के आने से इन परिवारों को उम्मीद है कि उनका सपना जल्द पूरा होगा।
मुंबई की झोपड़पट्टियां शहर की कहानी का एक जटिल हिस्सा हैं। यहां रहने वाले लोग न केवल अपने लिए, बल्कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मेहनत करते हैं। SRA के इस कदम से उन 64,917 निवासियों को भी राहत मिलेगी, जिनका किराया अभी तक बकाया है। शेलार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि निवासियों की शिकायतों का समाधान प्राथमिकता पर हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि SRA कार्यालय में इंजीनियरों, कर्मचारियों और आम लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था हो। ये छोटे-छोटे बदलाव मिलकर एक बड़ा असर डाल रहे हैं।
यह खबर मुंबई के उन लाखों लोगों के लिए एक नई सुबह की तरह है, जो सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं। 86 प्रोजेक्ट्स का फिर से शुरू होना सिर्फ इमारतें बनाने की बात नहीं है। यह उन परिवारों की जिंदगी को नया रंग देने की कहानी है, जो मुंबई के सपनों को हकीकत में बदलने में योगदान देते हैं।