राज्य सरकार द्वारा स्टाइपेंड में 10,000 रुपये की बढ़ोतरी के आश्वासन के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है।
रेजिडेंट डॉक्टर अक्सर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाते हैं. उनकी प्रमुख मांगों में स्टाइपेंड में बढ़ोतरी, नए हॉस्टल और पुराने हॉस्टलों की मरम्मत शामिल होती है.
राज्य के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है। राज्य सरकार ने 1 मार्च से उनके स्टाइपेंड में 10,000 रुपये की वृद्धि करने का आश्वासन दिया है।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) ने रविवार देर रात एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। मर्ड के अध्यक्ष डॉ अभिजीत हेल्गे ने कहा कि वह अपने वादों को पूरा करने के लिए सरकार के प्रति आभारी हैं।
राज्यभर के लगभग 8,000 रेजिडेंट डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 22 फरवरी से हड़ताल पर थे। इनमें पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज के 350 डॉक्टर भी शामिल थे। हड़ताल के दौरान मरीजों को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं।
हड़ताल के दौरान अस्पतालों में गैर-जरूरी सर्जरी को स्थगित कर दिया गया था। वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ इंटर्न और मानद कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया था। हड़ताल खत्म होने के बाद अस्पतालों में सामान्य कामकाज फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
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रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। इस कदम से उनका मनोबल बढ़ेगा और उन्हें आर्थिक मदद भी मिलेगी।