महाराष्ट्र

महाराष्ट्र की राजनीति में दरार? सीएम फडणवीस ने दिए मंत्रियों के जांच के आदेश

सीएम फडणवीस
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महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल दलों के बीच एक बार फिर दरार की खबरें सामने आ रही हैं। सीएम फडणवीस पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं और लगातार सख्त कदम उठा रहे हैं। इस बार उन्होंने अपने ही मंत्रियों के निजी स्टाफ पर शिकंजा कस दिया है।

मंत्रियों के निजी स्टाफ पर सीएम की सख्ती
फडणवीस सरकार ने मंत्रिमंडल के निजी स्टाफ की जांच के आदेश दिए हैं। कई कर्मचारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है। खासतौर पर कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के तीन निजी सचिवों को सीएमओ ने हटा दिया है। इसके अलावा, मंत्रियों, कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के व्यक्तिगत स्टाफ की क्रिमिनल बैकग्राउंड की जांच भी शुरू कर दी गई है।

कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने जताई नाराजगी
मुख्यमंत्री के इस फैसले से नाराज कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि अब उन्हें अपने ओएसडी (Officer on Special Duty) और निजी सचिवों को नियुक्त करने का अधिकार भी नहीं है।

इस पर फडणवीस ने साफ कर दिया कि कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के स्टाफ को फाइनल करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है। मंत्रीगण केवल नाम सुझा सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) लेता है।

गलत नामों को मंजूरी नहीं – सीएम फडणवीस
फडणवीस ने कहा कि निजी स्टाफ की नियुक्ति को लेकर ये कोई नई प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने मंत्रियों से पहले ही कह दिया था कि वे अपने पसंदीदा नाम भेज सकते हैं, लेकिन यदि कोई व्यक्ति गलत कामों में शामिल पाया गया, तो उसे मंजूरी नहीं दी जाएगी। जानकारी हो कि अब तक 125 नाम सामने आए हैं, जिनमें से 109 को मंजूरी दी जा चुकी है। बाकी नामों पर अभी जांच चल रही है।

बीजेपी-शिवसेना में बढ़ रही दूरियां?
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच शीतयुद्ध की चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय ने एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में पास किए गए जालना जिले के खारपुडी में 900 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दे दिए हैं।

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब फडणवीस ने शिंदे सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए हैं। सीएम बनने के बाद उन्होंने शिंदे सरकार के कई निर्णय या तो पलट दिए या फिर रद्द कर दिए। इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

क्या महाराष्ट्र में नया सियासी तूफान आने वाला है?
फडणवीस की ये कार्रवाई महायुति सरकार में दरार की ओर इशारा कर रही है। अगर ऐसे ही मतभेद बढ़ते रहे, तो महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द ही कोई बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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