देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) (SP) की महिला शाखा की अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की, और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए एक हत्या की अनुमति देने का अनुरोध किया।
जलगांव के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे की बेटी रोहिणी खडसे ने सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम दमनकारी मानसिकता, बलात्कारी प्रवृत्ति और निष्क्रिय कानून व्यवस्था को खत्म करना चाहती हैं। इसलिए हमने राष्ट्रपति से ये अनुमति मांगी है।”
उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार में एक ही पार्टी के नियंत्रण के बावजूद, महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए सख्त कानूनों को लागू करने में देरी हो रही है। विशेष रूप से उन्होंने महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार द्वारा बनाए गए “शक्ति अधिनियम” का जिक्र किया, जिसे अब तक पूरी तरह लागू नहीं किया गया है।
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में रोहिणी खडसे ने क्या कहा?
अपने पत्र में रोहिणी खडसे ने देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बिगड़ते हालात पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि महिलाएं अब बदलाव के लिए कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर महसूस कर रही हैं।
इतिहास का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “जब राज्य संकट में था, तब महारानी तारा रानी, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर और अन्य वीरांगनाओं ने अपनी प्रजा की रक्षा के लिए तलवार उठाई थी। आज हम एक अलग तरह के खतरे का सामना कर रही हैं, तो महिलाएं क्यों पीछे रहें?”
सामाजिक मानसिकता बदलने की जरूरत
खडसे ने कहा कि समाज में आमतौर पर अन्याय के शिकार लोगों के प्रति सहानुभूति होती है, लेकिन जब यौन उत्पीड़न की बात आती है, तो पीड़िताओं को ही उनके कपड़ों, व्यवहार और बाहर जाने के समय को लेकर दोषी ठहराया जाता है। उन्होंने सवाल किया, “क्या समाज ये बता सकता है कि मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार क्यों किया जाता है?”
उन्होंने हाल ही में मुंबई में 12 वर्षीय बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब देश की आर्थिक राजधानी में इस तरह के अपराध हो रहे हैं, तो बाकी देश की स्थिति कैसी होगी?
भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश – रिपोर्ट
रोहिणी खडसे ने वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू सर्वे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत महिलाओं की सुरक्षा के मामले में एशिया का सबसे असुरक्षित देश है। इस रिपोर्ट में महिलाओं के अपहरण, गुमशुदगी, घरेलू हिंसा और अन्य गंभीर अपराधों को लेकर आंकड़े पेश किए गए हैं।
खडसे ने सरकार से मांग की कि महिला सुरक्षा के लिए कठोर कानूनों को जल्द से जल्द लागू किया जाए और सामाजिक मानसिकता में बदलाव लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि जब तक सरकार कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती, तब तक महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए।