जातिगत जनगणना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने हाल ही में जातिगत जनगणना के समर्थन में एक बड़ा बयान दिया है। यह घोषणा भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। आइए इस मुद्दे को गहराई से समझें।
RSS का नया रुख: क्यों और कैसे?
RSS ने केरल के पलक्कड़ में अपनी तीन दिवसीय समन्वय बैठक के दौरान जातिगत जनगणना का समर्थन किया। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, “जातिगत जनगणना लोगों के कल्याण के लिए जरूरी है। लेकिन इसका इस्तेमाल चुनावी राजनीति में नहीं होना चाहिए।”
यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- यह पहली बार है जब RSS ने इतने स्पष्ट शब्दों में जातिगत जनगणना का समर्थन किया है।
- इससे BJP की स्थिति पर सवाल उठ सकते हैं, जो अब तक इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपना पाई है।
- यह घोषणा विपक्षी दलों को नया हथियार दे सकती है, जो लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं।
जातिगत जनगणना: फायदे और नुकसान
जातिगत जनगणना के समर्थकों का कहना है कि इससे सरकार को सही डेटा मिलेगा, जिससे कल्याणकारी योजनाएं बेहतर तरीके से लागू की जा सकेंगी। लेकिन विरोधियों का मानना है कि इससे समाज में और ज्यादा बंटवारा हो सकता है।
पूर्व राज्यसभा सांसद और RSS विचारक राकेश सिन्हा कहते हैं, “जातिगत जनगणना से समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा सकता है। लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होना चाहिए।”
राजनीतिक प्रभाव: क्या बदलेगा?
RSS के इस बयान से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इससे जाति-आधारित पार्टियों को फायदा हो सकता है।
पूर्व पत्रकार विजय त्रिवेदी कहते हैं, “जातिगत जनगणना का इस्तेमाल चुनावी राजनीति में हो सकता है। कल्याणकारी योजनाएं तो बस बहाना हैं, असली मकसद तो राजनीति ही है।”
BJP की चुनौतियां:
BJP अब एक कठिन स्थिति में है। अगर वह जातिगत जनगणना का समर्थन करती है, तो उसके कुछ समर्थकों को यह पसंद नहीं आ सकता। लेकिन अगर वह विरोध करती है, तो RSS से अलग होने का आरोप लग सकता है।
RSS के स्टैंड के बाद BJP के लिए संशय की स्थिति जरूर हो गई है। हो सकता है कि इससे उनके कैडर के अंदर रोष कम हो जाए।
आगे क्या?
जातिगत जनगणना एक जटिल मुद्दा है, जिसके कई पहलू हैं। RSS के नए रुख से यह मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय राजनीति इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।
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