स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MSCPCR) ने सभी स्कूलों के लिए परिवहन सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं। बच्चों के साथ हुई दुर्घटनाओं के बाद यह अहम कदम उठाया गया है।
स्कूली बसों में बच्चों की सुरक्षा एक चिंता का विषय है। भीड़-भाड़, बदमाशी, और कई बार लापरवाही की वजह से बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं।
नई नियमावली में कई अहम बातों पर ज़ोर दिया गया है। स्कूल बसों में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, फर्स्ट-ऐड किट, और फ़ायर एक्सटिंग्विशर जैसी ज़रूरी सुविधाएं होनी ही चाहिए। इसके साथ अब बस में ड्राइवर का ब्यौरा, स्कूल के संपर्क नंबर, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के हेल्पलाइन नंबर जैसी जानकारियां भी लिखना अनिवार्य किया गया है।
MSCPCR की चेयरपर्सन, एडवोकेट सुसीबेन शाह ने बताया कि इन दिशानिर्देशों का पालन करना बेहद ज़रूरी है। सीसीटीवी कैमरे का फ़ुटेज कम से कम 15 दिनों तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए ताकि ज़रूरत पड़ने पर पुलिस जांच में मदद मिल सके। खासतौर पर स्कूल की सैर (excursions) के लिए भी अब सख्त नियम लागू होंगे।
इसके साथ ही, बच्चों को ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में सिखाया जाना भी ज़रूरी बताया गया है ताकि वह किसी तरह के दुर्व्यवहार को पहचान कर उसके खिलाफ आवाज़ उठा सकें। माता-पिता, स्कूल प्रशासन, और बस मालिकों के साथ मिलकर इस नियमावली को बनाने की कोशिश की गई है।