संजय निरुपम कई सालों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं। हालाँकि उन्हें इस बार मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिला। इस बात से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर दी और उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया।
इसके बाद उन्होंने शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होने का फैसला किया है। 3 मई को वे औपचारिक रूप से इस गुट में शामिल हो जाएंगे। यह उनके लिए एक नई शुरुआत होगी, जहां वे शिवसेना के झंडे तले राजनीति करेंगे।
अपनी शिवसेना में वापसी के बारे में निरुपम ने कहा है कि वे सभी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे और शिवसेना की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कुछ और भी दिलचस्प बातें कही हैं।
निरुपम के इस कदम पर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। बीजेपी नेता मोहित कंबोज ने निरुपम के शिवसेना में शामिल होने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि निरुपम “कांग्रेस का कचरा” हैं और उन्हें बीजेपी में शामिल नहीं किया जाएगा।
निश्चित रूप से, संजय निरुपम का यह कदम उनके राजनीतिक जीवन में एक अहम मोड़ है। यह महाराष्ट्र की राजनीति में भी एक नई दिशा दे सकता है। शिंदे गुट को निरुपम के आने से नई ऊर्जा मिल सकती है और आगामी चुनावों में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।