शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने पीएम मोदी की रिटायरमेंट को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सितंबर में पद छोड़ सकते हैं। ये बयान उस समय आया जब नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में मुलाकात हुई।
आरएसएस मुख्यालय में मोदी-भागवत मुलाकात
संजय राउत ने कहा कि नरेंद्र मोदी पिछले 10-11 सालों में आरएसएस मुख्यालय नहीं गए थे, लेकिन अब वे वहां मोहन भागवत को ‘टाटा, बाय-बाय’ कहने गए थे। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस भी देश के नेतृत्व में बदलाव चाहता है, और इसी कारण पीएम मोदी को बुलाया गया था।
बीजेपी अध्यक्ष भी आरएसएस तय करेगा?
मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समय पूरा हो गया है। अब आरएसएस भी बदलाव चाहता है और भाजपा के अगले अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया में शामिल होगा।
गौरतलब है कि ये दूसरी बार है जब किसी प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रूप से आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया है। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान नागपुर में संघ मुख्यालय का दौरा किया था। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 100 साल पहले जिस विचारधारा का बीज बोया गया था, वो अब एक विशाल वृक्ष बन गया है। उन्होंने आरएसएस के सिद्धांतों और मूल्यों की सराहना की और इसे देश के लिए प्रेरणादायक बताया।
देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संजय राउत के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कई सालों तक देश का नेतृत्व करते रहेंगे। फडणवीस ने विश्वास जताया कि 2029 में भी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उनके उत्तराधिकारी को खोजने की कोई जरूरत नहीं है।
फडणवीस ने ये भी कहा कि हमारी परंपरा में, जब पिता जीवित होता है, तब उत्तराधिकार की बात करना अनुचित माना जाता है। उन्होंने इसे ‘मुगल संस्कृति’ से जोड़ते हुए कहा कि इस पर चर्चा करने का समय अभी नहीं आया है।
क्या सच में होने वाला है कोई बड़ा बदलाव?
संजय राउत के इस बयान से सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। क्या सच में आरएसएस और बीजेपी के भीतर कोई बड़ा बदलाव होने वाला है, या ये सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी है? ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
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