शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राऊत ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे कभी कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। हालांकि, संजय राऊत ने इस दावे के लिए कोई सटीक समय या वर्ष का जिक्र नहीं किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के दिवंगत वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का भी नाम लिया।
अहमद पटेल का जिक्र
संजय राऊत ने कहा, “मैं उस समय की सभी घटनाओं से वाकिफ हूं। अहमद पटेल अब हमारे बीच नहीं हैं, इसलिए मैं इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता।” अहमद पटेल का निधन 25 नवंबर 2020 को हुआ था, इसलिए इस दावे की पुष्टि संभव नहीं है।
पृथ्वीराज चव्हाण ने किया खंडन
मीडिया द्वारा इस दावे पर सवाल उठाने के बाद संजय राऊत ने कहा कि इस बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से पूछा जाना चाहिए। हालांकि, जब पृथ्वीराज चव्हाण से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने संजय राऊत के दावे को सिरे से खारिज कर दिया।
शिवसेना की प्रतिक्रिया
संजय राऊत के इस बयान पर शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। शिवसेना नेता शाइना एनसी ने उनके बयान को हल्के में लेते हुए कहा, “संजय राऊत तो हर सुबह कुछ न कुछ बड़बड़ करते हैं। उन्हें गंभीरता से कौन लेता है?”
उन्होंने आगे कहा, “संजय राऊत के पास शायद कोई खुफिया एजेंसी है, जहां वे बेबुनियाद आरोप लगाते हैं। लेकिन उन्हें ये जान लेना चाहिए कि जब भी वे एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी करते हैं, शिंदे और मजबूत बनते हैं।”
शिंदे गुट का पलटवार
शाइना एनसी ने आगे कहा, “एकनाथ शिंदे ने अपने दम पर असली शिवसेना बनाई है। जब उन्होंने उद्धव ठाकरे से अलग होकर नई पार्टी बनाई, तो उनके साथ 40 विधायक थे। विधानसभा चुनाव के बाद अब यह संख्या 60 तक पहुंच गई है। ये एक बड़ी उपलब्धि है। संजय राऊत को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।”
नाना पटोले के बयान से बढ़ी सियासी गर्मी
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार को मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव देकर विपक्षी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। होली समारोह के दौरान दिए गए इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी।
इस पर संजय राऊत ने कहा, “राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। किसी को नहीं पता था कि 2019 में महाविकास अघाड़ी का गठन होगा या 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में असंवैधानिक सरकार बनेगी। यहां तक कि 2024 में देवेंद्र फडणवीस को पूर्ण बहुमत मिल जाएगा, ये भी अनुमान नहीं था।”
क्या होगा आगे?
संजय राऊत के इस दावे ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। शिवसेना (शिंदे गुट) और कांग्रेस दोनों ने इस मामले पर अपने-अपने तर्क रखे हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या एकनाथ शिंदे इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया देते हैं या नहीं।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या से दुखी हुए शरद पवार, सरकार से की ये मांग