मुंबई

1034 करोड़ का पात्रा चाल स्कैम: संजय राउत के लिए बढ़ी मुसीबतें?

1034 करोड़ का पात्रा चाल स्कैम: संजय राउत के लिए बढ़ी मुसीबतें?
संजय राउत और पात्रा चाल केस: मुंबई की चाल संस्कृति हमेशा से इस शहर की पहचान रही है। लेकिन जब इन चालों के पुनर्विकास की बात आती है, तो कई बार घोटालों की खबरें भी सामने आती हैं। ऐसा ही एक मामला है पात्रा चाल का, जिसमें शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत का नाम भी जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस केस के बारे में विस्तार से।

पात्रा चाल केस की शुरुआत

गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर इलाके में 47 एकड़ जमीन पर फैली पात्रा चाल में 672 परिवार रहते थे। 2008 में इस चाल के पुनर्विकास का काम शुरू हुआ। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को यह काम सौंपा। यह कंपनी HDIL की सहयोगी कंपनी थी।

प्लान के मुताबिक, पुराने रहने वालों को नए घर मिलने थे, MHADA के लिए फ्लैट बनने थे, और बाकी जगह पर कमर्शियल डेवलपमेंट होना था। लेकिन यहीं से शुरू हुआ घोटाले का खेल।

घोटाले का खुलासा

गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) को नौ डेवलपर्स को बेच दिया और करीब 901.79 करोड़ रुपये जमा कर लिए। लेकिन न तो पुराने रहने वालों को नए घर मिले, न ही MHADA के लिए फ्लैट बने।

संजय राउत की भूमिका

इस केस में संजय राउत का नाम भी सामने आया। जून 2022 में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। ED का कहना है कि यह 1034 करोड़ रुपये का घोटाला है, जिसमें पैसों की हेराफेरी और पावर का दुरुपयोग हुआ है।

गवाह की चौंकाने वाली बात

इस केस में एक और मोड़ आया जब स्वप्ना पाटकर नाम की एक गवाह ने संजय राउत पर गंभीर आरोप लगाए। पाटकर का कहना है कि उन्हें अपना बयान बदलने के लिए धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने ED के अतिरिक्त निदेशक को एक चिट्ठी लिखकर कहा कि राउत और उनके साथी उन्हें डरा रहे हैं।

पाटकर ने बताया कि उन पर दबाव डाला जा रहा है कि वो अपना बयान बदल दें और कुछ प्रॉपर्टी राउत और उनके परिवार के नाम कर दें। इससे पहले भी पाटकर ने वाकोला पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी ने उनके घर में एक बोतल फेंकी थी, जिसमें मराठी में लिखी धमकी भरी चिट्ठी थी।

कोर्ट में पेशी और आगे का रास्ता

हाल ही में, संजय राउत स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में पेश हुए। यह उनकी नियमित पेशी थी, जो उनकी जमानत की शर्तों के हिसाब से जरूरी है। अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

इस केस ने मुंबई की रियल एस्टेट इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। लोग सोच रहे हैं कि क्या ऐसे घोटालों की वजह से आम आदमी का घर का सपना और महंगा हो जाएगा? क्या नेताओं और बिल्डरों की मिलीभगत से शहर का विकास रुक जाएगा?

पात्रा चाल केस सिर्फ एक घोटाले की कहानी नहीं है। यह मुंबई जैसे महानगर में चल रहे जमीन के खेल का भी एक उदाहरण है। जहां एक तरफ लाखों लोग छोटे से घर के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ करोड़ों का घोटाला हो रहा है।

आने वाले दिनों में इस केस पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी। क्या संजय राउत अपने ऊपर लगे आरोपों से बच पाएंगे? क्या पात्रा चाल के पुराने रहने वालों को कभी नए घर मिलेंगे? और सबसे बड़ा सवाल, क्या इस केस से मुंबई की रियल एस्टेट इंडस्ट्री में कोई बड़ा बदलाव आएगा? इन सवालों के जवाब तो वक्त ही बताएगा।

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