भारत के नए चीफ जस्टिस बनने जा रहे जस्टिस संजीव खन्ना को लेकर एक दिलचस्प खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 51वें चीफ जस्टिस का पदभार संभालने के बाद, जस्टिस खन्ना अपनी नियमित सुबह की सैर नहीं कर सकेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की शीर्ष सुरक्षा व्यवस्थाओं के तहत उन्हें सुरक्षा घेरा दिया जाएगा, जिसके कारण वे अकेले सुबह की सैर पर नहीं जा पाएंगे।
साधारण जीवन और सुरक्षा प्रोटोकॉल का प्रभाव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जस्टिस खन्ना एक सरल जीवन जीने में विश्वास रखते हैं और सुबह की सैर उनकी दिनचर्या का हिस्सा रही है। लेकिन 11 नवंबर को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने के बाद, उन्हें सुरक्षा के मद्देनजर ये आदत छोड़नी पड़ेगी। जब उनसे सुरक्षाकर्मियों के साथ सैर पर जाने को कहा गया, तो उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया, क्योंकि वे एकांत में सैर के आदी रहे हैं।
न्यायिक सेवा में चार दशक का अनुभव
बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना का न्यायिक करियर चार दशकों से अधिक का है। उनकी सादगी और आम जीवन का अंदाज तब भी देखने को मिला था जब वे पिछली बार चुनाव में मतदान के लिए अपनी निजी कार से पहुंचे थे। उनके इस विनम्र और लो प्रोफाइल अंदाज के चलते वे अपने साथी न्यायधीशों के बीच भी लोकप्रिय हैं। इस तरह जस्टिस खन्ना का साधारण स्वभाव और न्यायिक सेवाओं में लंबा अनुभव, उन्हें देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रेरक व्यक्तित्व बनाता है।
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