महाराष्ट्र

Sarpanch Santosh Deshmukh Murder Case: धनंजय मुंडे के खिलाफ शरद पवार की बड़ी चाल, साहब के एमपी ने BJP से मिलाया हाथ, बुरे घिरे अजित पवार!

Sarpanch Santosh Deshmukh Murder Case: धनंजय मुंडे के खिलाफ शरद पवार की बड़ी चाल, साहब के एमपी ने BJP से मिलाया हाथ, बुरे घिरे अजित पवार!

महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) हमेशा से अपने उतार-चढ़ाव और तीव्र घटनाओं के लिए जानी जाती है। हाल ही में बीड़ जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले ने एक नई हलचल पैदा कर दी है। इस विवाद ने न केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि राज्य के प्रमुख नेताओं के बीच खींचतान को भी उजागर किया है।

Sarpanch Santosh Deshmukh Murder Case: विवाद की जड़

बीड़ जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला (Sarpanch Santosh Deshmukh Murder Case) राज्य की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। आरोप है कि इस हत्या में शामिल व्यक्ति, वाल्मिक कराड, मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) के करीबी हैं। इस घटना के बाद से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

भाजपा के विधायक सुरेश धस और शरद पवार गुट के नेताओं ने इस घटना को लेकर मुंडे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीड़ से सांसद बजरंग सोनवणे भी इस विवाद में कूद पड़े हैं। इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि मुंडे न केवल अपने करीबी का बचाव कर रहे हैं, बल्कि इस हत्या के पीछे भी उनका अप्रत्यक्ष समर्थन है।

शरद पवार की रणनीति और एनसीपी में तनाव

एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने इस मामले में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पवार ने इस घटना को मराठवाड़ा क्षेत्र में बिगड़ती सामाजिक स्थिति से जोड़ते हुए सभी दलों को एकजुट करने का प्रयास किया है। मराठा और दलित संगठनों के साथ उनकी बैठक के बाद यह तय हुआ कि इस मुद्दे पर एक बड़ा विरोध मार्च निकाला जाएगा।

दूसरी ओर, एनसीपी के मंत्री धनंजय मुंडे को इस मामले में पार्टी के भीतर भी समर्थन मिल रहा है। प्रांतीय अध्यक्ष सुनील तटकरे ने उन्हें “मेहनती धनुभाऊ” कहते हुए खुलकर उनका पक्ष लिया। लेकिन पार्टी में यह स्पष्ट है कि मुंडे की स्थिति कमजोर होती जा रही है।

बीड़ में भाजपा का बढ़ता प्रभाव

भाजपा ने इस घटना को मुद्दा बनाकर एनसीपी को घेरने की कोशिश की है। विधायक सुरेश धस और अन्य भाजपा नेताओं ने इसे राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि वे इस मामले में मुंडे को जेल भेजने तक आंदोलन जारी रखेंगे। इस विरोध के हिस्से के रूप में 25 जनवरी को मुंबई में एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

मुंबई में सर्वदलीय मार्च की तैयारी

मुंबई में मेट्रो सिनेमा से आजाद मैदान तक एक सर्वदलीय विरोध मार्च निकाला जाएगा। इस मार्च में भाजपा, एनसीपी और अन्य दलों के नेता शामिल होंगे। भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। यह मार्च महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

मराठवाड़ा की सामाजिक स्थिति

सरपंच संतोष देशमुख की हत्या और दलित कार्यकर्ता सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत ने मराठवाड़ा की सामाजिक स्थिति को प्रभावित किया है। मराठा और दलित समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर शरद पवार ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सभी समुदायों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

इस मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा दी है। धनंजय मुंडे के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं, जबकि शरद पवार की सक्रियता ने एनसीपी में एकजुटता बनाए रखने की कोशिश की है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा राज्य की राजनीति को किस तरह प्रभावित करता है।


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