बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए सरकार को आदेश दिया है कि दक्षिणी कोंकण के 25 गांवों से बने सावंतवाड़ी-डोडामार्ग कॉरिडोर को ‘इकोलॉजिकली सेंसिटिव एरिया’ (ESA) घोषित किया जाए। ये इलाका बेहद जैव विविधता से भरा है और हाथियों और बाघों जैसे महत्वपूर्ण वन्यजीवों के आने-जाने का रास्ता है।
एनजीओ ‘आवाज फाउंडेशन’ और ‘वनशक्ति’ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस कॉरिडोर को पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील बनाने की मांग की थी। उनका तर्क था कि अवैध पेड़ों की कटाई से इस पूरे इलाके को खतरा है। कोर्ट ने कई रिपोर्ट और सबूत देखने के बाद इसे सही माना है।
सिंधुदुर्ग जिले में स्थित डोडामार्ग तालुका प्राकृतिक रूप से काफी समृद्ध है। यहां गोवा और कर्नाटक की सीमाएं लगती हैं और सह्याद्री की पहाड़ियां भी हैं। इसी इलाके में तिलारी नदी और उस पर बना बांध भी है। सावंतवाड़ी-डोडामार्ग कॉरिडोर महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के कई वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों को जोड़ता है, जिससे हाथी और बाघ जैसे जानवर आसानी से आ-जा सकते हैं।
हाईकोर्ट का यह फैसला पर्यावरण के लिहाज से बहुत अहम है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, डोडामार्ग के जंगलों में पिछले दो वर्षों में ही लगभग अठारह लाख पेड़ काटे जा चुके हैं, जो काफी चिंताजनक है। ‘इकोलॉजिकली सेंसिटिव एरिया’ का दर्जा मिलने से इस क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर रोक लगेगी।
हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वो एक टास्क फोर्स बनाए, जो यह सुनिश्चित करेगी कि कोर्ट के आदेशों का पालन हो और गलियारे को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे।