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मुंबई में वरिष्ठ नागरिक निशाने पर! NCRB रिपोर्ट ने खोली प्रशासन की पोल

मुंबई में वरिष्ठ नागरिक निशाने पर! NCRB रिपोर्ट ने खोली प्रशासन की पोल

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में जहां लोग बेहतर ज़िंदगी की तलाश में आते हैं, वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह शहर खतरनाक साबित हो रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट चौंकाने वाली है – दिल्ली के बाद, मुंबई उन बुजुर्गों के लिए सबसे असुरक्षित है जो अकेले या परिवार से दूर रहते हैं। नेपियन सी रोड पर 63 वर्षीय महिला की उसके ही किशोर नौकर द्वारा हत्या ने इस मुद्दे की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है।

वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। नेपियन सी रोड मामले के कुछ दिन बाद ही, जुहू में एक अन्य घरेलू सहायक ने अपने 81 वर्षीय नियोक्ता को लूटने से पहले उनका गला घोंटने का प्रयास किया। खार में, एक नौकरानी ने अपने 60 वर्षीय नियोक्ता को निजी वीडियो से ब्लैकमेल कर रही थी। इन घटनाओं ने मुंबई के संपन्न इलाकों, जहां कई बुजुर्ग अकेले रहते हैं, वहां की  सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।

अक्सर इन वरिष्ठ नागरिकों के बच्चे विदेश में बस चुके होते हैं, और दूसरे रिश्तेदार भी उनका हालचाल लेने में दिलचस्पी नहीं रखते। बढ़ती उम्र की समस्याओं और अकेलेपन के कारण, इन बुजुर्गों के पास घरेलू सहायकों पर भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता, लेकिन यही भरोसा उनके लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

NCRB के आंकड़े इस खतरे की गंभीरता को और बढ़ाते हैं। मुंबई में 2022 में वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े 844 मामले दर्ज हुए, जबकि 2021 में यह संख्या 987 और 2020 में 572 थी। पूरे महाराष्ट्र में भी ऐसे मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं।

हालांकि मुंबई पुलिस इस मुद्दे के प्रति सजग है और  ‘एल्डरलाइन’ हेल्पलाइन (1090) जैसी पहल करती है, पर समाजसेवी संस्थाओं का मानना है कि सिर्फ अपराधियों को पकड़ना काफी नहीं। जीवन आनंद संस्थान के सह-संस्थापक संदीप परब कहते हैं कि जिन एजेंसियों के जरिए ये घरेलू सहायक काम ढूंढते हैं, उन पर भी शिकंजा कसने की जरूरत है, ताकि अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की पहले ही पहचान हो सके।

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