हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक विवादास्पद दावा किया है जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी रैलियों में चीन का संविधान दिखा रहे हैं। इस दावे ने राजनीतिक गलियारों में हंगामा खड़ा कर दिया है। सरमा के अनुसार, राहुल गांधी ने जो संविधान दिखाया, वह भारतीय संविधान का नीला रंग का संस्करण नहीं था, बल्कि वह चीन का संविधान था।
सीएम सरमा ने यह भी कहा कि भारतीय संविधान में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का एक अध्याय है, जिसके अंतर्गत समान नागरिक संहिता को लागू करना भारत के लिए एक पवित्र कर्तव्य है। उनके इस बयान का आशय यह है कि भारतीय संविधान में जो प्रावधान हैं, उनका पालन करना और उन्हें लागू करना हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस दावे के बाद से राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता के बीच इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या वास्तव में राहुल गांधी ने चीन का संविधान दिखाया था, और यदि हां, तो उनके इस कदम का क्या अर्थ है। इस घटना ने भारतीय राजनीति में संविधान की भूमिका और महत्व को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है।
सरमा के इस बयान ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक नई राजनीतिक लड़ाई को भी उजागर किया है, जिसमें विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस विवाद का निष्कर्ष क्या होगा, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।