एमएलसी चुनाव 2024: महाराष्ट्र में विधान परिषद के आगामी चुनावों को लेकर महा विकास अघाड़ी गठबंधन में दरारें नजर आ रही हैं। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच उम्मीदवारों के चयन को लेकर टकराव हुआ है।
विवाद की जड़ कोंकण ग्रैजुएट और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए शिवसेना द्वारा एकतरफा उम्मीदवारों की घोषणा से शुरू हुई। कांग्रेस का आरोप है कि उद्धव ठाकरे ने गठबंधन सहयोगियों से परामर्श किए बिना ही इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उन्होंने नासिक शिक्षक सीट के लिए संदीप गुलवे के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी थी और इसकी जानकारी ठाकरे को दी थी। लेकिन बिना चर्चा के गुलवे को शिवसेना में शामिल कर लिया गया और उन्हें उम्मीदवार बना दिया गया।
पटोले के मुताबिक, यदि गठबंधन सहयोगी सामूहिक रूप से चार एमएलसी सीटों पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करते, तो जीतना आसान हो जाता। उन्होंने उद्धव ठाकरे से इन दो सीटों से शिवसेना के उम्मीदवारों को वापस लेने का आग्रह किया है।
इस विवाद से साफ झलकता है कि महा विकास अघाड़ी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। गठबंधन में रार नहीं बनी है और उम्मीदवारों के चयन को लेकर दोनों प्रमुख दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
चुनावी गठबंधन में आपसी विश्वास और सामंजस्य बेहद जरूरी होता है। यदि ऐसा नहीं होगा तो यह गठबंधन केवल कागजों पर ही सीमित रहेगा और मतदाताओं को भी विश्वास नहीं दिला पाएगा।
अभी तो दोनों दलों को बैठकर समस्या सुलझानी होगी। सभी उम्मीदवारों का चयन सहमति से होना चाहिए। आपसी विवादों से बचना होगा, नहीं तो विपक्षी दलों को मौका मिल जाएगा। महाराष्ट्र की जनता भी एकजुट गठबंधन को प्राथमिकता देती है।
अंत में, कहना होगा कि महा विकास अघाड़ी को आगे भी ऐसी स्थितियों से बचना होगा और आपसी विश्वास कायम रखना होगा। अन्यथा महाराष्ट्र की जनता के सामने गंभीर प्रश्न उठेंगे। धन्यवाद!
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