महाराष्ट्र

Sharad Pawar and Ajit Pawar Meeting: बंद कमरे में NCP को लेकर डिप्टी सीएम अजित से क्या बात हुई? शरद पवार ने बता दिया पूरा सच

Sharad Pawar and Ajit Pawar Meeting: बंद कमरे में NCP को लेकर डिप्टी सीएम अजित से क्या बात हुई? शरद पवार ने बता दिया पूरा सच

Sharad Pawar and Ajit Pawar Meeting: महाराष्ट्र की राजनीति अपने अप्रत्याशित बदलावों के लिए जानी जाती है। हाल ही में पुणे में शरद पवार (Sharad Pawar) और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) के बीच हुई बंद कमरे की बैठक ने सियासी गलियारों में नई हलचल मचा दी। यह पहली बार था जब 2023 में एनसीपी के विभाजन (NCP Split) के बाद दोनों नेता एक मंच पर नजर आए। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि क्या एनसीपी गुटों की सुलह (NCP Unity Talks) की संभावनाएं बन रही हैं। लेकिन शरद पवार ने इन चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगाते हुए बैठक का उद्देश्य पूरी तरह गैर-राजनीतिक बताया।


Sharad Pawar and Ajit Pawar Meeting: बैठक का असली मकसद

पुणे में आयोजित यह बैठक चीनी उद्योग परियोजना से जुड़े विषयों पर केंद्रित थी। शरद पवार ने स्पष्ट किया कि वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) की वार्षिक आमसभा के दौरान यह बैठक आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि वह यहां अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे, जबकि अजित पवार एक सदस्य के तौर पर शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा चीनी उद्योग से संबंधित विषयों पर चर्चा करना था। शरद पवार ने कहा कि बैठक में किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।


बैठक के दौरान बदला गया सीटिंग अरेंजमेंट

इस बैठक में एक दिलचस्प वाकया उस समय हुआ, जब अजित पवार ने अपनी सीट बदल ली। जहां उन्हें शरद पवार के साथ बैठना था, वहां उन्होंने अपनी कुर्सी एक स्थान पीछे कर ली। इसपर शरद पवार ने बताया कि महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल को उनसे चर्चा करनी थी, इसलिए सीटिंग अरेंजमेंट में बदलाव किया गया। अजित पवार ने इसे सामान्य घटना बताते हुए कहा कि उनकी आवाज दूर तक पहुंचती है और वह शरद पवार से कभी भी बात कर सकते हैं।


क्या एनसीपी के दोनों गुट फिर से एकजुट होंगे?

जब शरद पवार से पूछा गया कि क्या बैठक में एनसीपी के दोनों गुटों को फिर से जोड़ने पर चर्चा हुई, तो उन्होंने स्पष्ट इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह बैठक केवल चीनी उद्योग परियोजना पर केंद्रित थी और इसका पार्टी की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। अजित पवार ने भी इस बात को दोहराया।

हालांकि, यह बैठक इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि 2023 में एनसीपी के विभाजन के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। उस समय अजित पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर शिवसेना-भाजपा गठबंधन का समर्थन किया था। इस फैसले ने पार्टी को दो हिस्सों में बांट दिया था।


सियासी अटकलें और बयानबाजी

हालांकि दोनों नेताओं ने इसे गैर-राजनीतिक बैठक बताया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात एनसीपी में सुलह की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज नहीं करती। राजनीतिक मामलों में अक्सर सार्वजनिक बयान और असली मंशा में अंतर होता है।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन की नई संभावनाएं खोजी जा रही हैं। हालांकि, एनसीपी के दोनों गुटों के बीच वैचारिक और राजनीतिक मतभेद अब भी गहरे हैं।


शरद पवार और अजित पवार की यह मुलाकात भले ही गैर-राजनीतिक बताई गई हो, लेकिन इसका राजनीतिक महत्व नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में एनसीपी के दोनों गुटों के संबंध किस दिशा में जाते हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट है कि यह बैठक केवल एक औपचारिकता थी और इससे पार्टी की राजनीति पर कोई सीधा असर नहीं पड़ा है।


#SharadPawar #AjitPawar #NCPPolitics #MaharashtraPolitics #NCPUnity

ये भी पढ़ें: BJP’s Masterstroke: योगी कैसे बने BJP का ‘ब्रह्मास्त्र’! जहां की रैली, वहां मिली 100 % जीत! 4 चुनाव के आंकड़े दे रहे गवाही

You may also like