मुंबई

Sharad Pawar: घड़ी हाथ से निकली, लेकिन लड़ाई अभी बाकी!

Sharad Pawar
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Sharad Pawar: चुनाव आयोग द्वारा एनसीपी का घड़ी चुनाव चिन्ह और पार्टी नाम अजित पवार गुट को दिए जाने के बाद शरद पवार एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। 84 साल की उम्र में शरद पवार के सामने बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है, लेकिन वे हार मानने को तैयार नहीं हैं।

लड़ने का रवैया:

शरद पवार (Sharad Pawar) ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फिर से कमर कस ली है। वे दिल्ली से लौटने के बाद नए जोश के साथ काम करने वाले हैं। पार्टी और सिंबल हाथ से निकल जाने के बाद वे जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं।

राज्यव्यापी दौरा:

कहा जा रहा है कि शरद पवार (Sharad Pawar) अपने दौरे की शुरुआत 15 फरवरी को बारामती से करेंगे, जिसे उनका गढ़ माना जाता है। इसके बाद वे 18 तारीख को पूरे राज्य का दौरा करेंगे। 21 फरवरी को दिलीप वलसे पाटल के विधानसभा क्षेत्र अंबेगांव में दौरा होगा।

जनता का साथ:

शरद पवार (Sharad Pawar) गुट के नेता कह रहे हैं कि भले ही पार्टी और सिंबल चले जाएं, लेकिन जनता उनके साथ है। भले ही घड़ी चली गई हो, कलाई अभी भी उनके पास है। जीतेंद्र अवाद ने कहा कि शरद पवार एक बार फिर अपनी कलाई और उसमें मौजूद ताकत से महाराष्ट्र में जादू पैदा करेंगे।

रोहित पवार ने कहा, “एक घायल बाघ अधिक खतरनाक होता है।” ऐसे में शरद पवार ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार’ पार्टी का भरोसेमंद चेहरा हैं। इनके जरिए पार्टी का नया नाम और चुनाव चिन्ह लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है।

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