महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है जब शरद पवार का बयान (Sharad Pawar’s Statement) सामने आया। विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर बात की।
शरद पवार का बयान (Sharad Pawar’s Statement) विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने पहली बार अपने भतीजे अजित पवार के बारे में खुलकर बात की। कराड़ में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे। उन्होंने स्वीकार किया कि लोकसभा चुनावों के बाद वे आवश्यकता से अधिक आश्वस्त हो गए थे।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आया जब एनसीपी के असली संस्थापक की चुनौती (Challenge of NCP’s True Founder) सामने आई। शरद पवार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भले ही अजित पवार के गुट ने अधिक सीटें जीती हों, लेकिन हर कोई जानता है कि एनसीपी का वास्तविक संस्थापक कौन है।
महिला मतदाताओं के रुझान पर बात करते हुए पवार ने एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया। उन्होंने बताया कि लाड़की योजना के कारण महिला मतदाताओं ने महायुति को समर्थन दिया। उनके अनुसार, पिछले ढाई महीनों से महिलाओं को मिल रहे सीधे वित्तीय लाभ ने मतदान के पैटर्न को प्रभावित किया।
बारामती सीट से जुड़े विवाद पर भी पवार ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि युगेंद्र पवार को अजित पवार के खिलाफ उतारने का निर्णय उचित था। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों नेताओं के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती।
ईवीएम से जुड़े विवादों पर पवार ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने कहा कि जब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता, वे इस विषय पर टिप्पणी नहीं करेंगे। यह बयान उनके परिपक्व राजनीतिक अनुभव को दर्शाता है।
चुनावी यात्रा के दौरान किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए पवार ने बताया कि उन्होंने पूरे राज्य का दौरा किया और कांग्रेस तथा उद्धव गुट के उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार किया। उन्होंने स्वीकार किया कि सभी ने कड़ी मेहनत की, लेकिन जनता का फैसला उनके पक्ष में नहीं रहा।
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