इस साल विश्व की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा, श्रीखंड महादेव यात्रा, 14 जुलाई से शुरू होगी और 27 जुलाई तक चलेगी। प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि यात्रा के दौरान क्षेत्र को पांच सेक्टरों में बांटा जाएगा। सिंहगाड को बेस कैंप बनाया जाएगा, इसके अलावा थाचडू, कुनशा, भीमडवार, और पार्वती बाग में भी बेस कैंप स्थापित किए जाएंगे। इन स्थानों पर सेक्टर मैजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी/इंचार्ज, मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें तैनात की जाएंगी। पहली बार एसडीआरएफ की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया जाएगा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल भी बनाया गया है।
श्रीखंड महादेव की धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यता
श्रीखंड महादेव 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। कहा जाता है कि ये यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी कठिन है। मान्यता है कि भस्मासुर ने भगवान शिव को मारने के लिए यहां तपस्या की थी, और जब भस्मासुर ने भगवान शिव को मारने की कोशिश की, तो माता पार्वती डरकर रो पड़ीं, उनके आंसुओं से नयन सरोवर का निर्माण हुआ। इस सरोवर की एक धारा 25 किलोमीटर नीचे भगवान शिव की गुफा निरमंड के देव ढांक तक गिरती है। पांडवों ने वनवास के दौरान यहां रुककर तपस्या की थी। भीम द्वारा स्थापित बड़े-बड़े पत्थर यहां देखे जा सकते हैं।
यात्रा के दौरान सावधानियां और तैयारी
पार्वती बाग से ऊपर कुछ यात्रियों को ऑक्सीजन की कमी के चलते समस्याएं हो सकती हैं। इसमें सांस फूलना, सिरदर्द, चढ़ाई में कठिनाई, उल्टी, धुंधला दिखना और चक्कर आना शामिल हैं। ऐसी स्थिति में यात्रियों को तुरंत आराम करना चाहिए और बेस कैंप में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यात्रा के लिए कुछ आवश्यक चीजें साथ रखें, जैसे – पक्का डंडा, ग्रिप वाले जूते, बरसाती या छाता, ड्राई फ्रूट्स, गर्म कपड़े, टॉर्च और ग्लूकोज।
इस साल की श्रीखंड महादेव यात्रा आधिकारिक तौर पर 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और यात्रा के दौरान आवश्यक सावधानियां बरतें।
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